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खरीफ में करें आंवले की खेती, होगी बंपर पैदावार

आंवला हमारी सेहत के लिए बहुत लाभदायक है, यही कारण है कि इसे औषधीय वृक्षों की श्रेणी में रखा गया है. अपने गुणों के लिए लोकप्रिय आंवला, किसानों के लिए भी फायदेमंद है. विभिन्न दवाइयों, उत्पादों एवं क्रीमों में उपयोग होने वाले आंवला की मांग बाजार में खास है. चलिए आपको आज बताते हैं कि इसकी खेती कैसे की जाती है.

सिप्पू कुमार
सिप्पू कुमार

आंवला हमारी सेहत के लिए बहुत लाभदायक है, यही कारण है कि इसे औषधीय वृक्षों की श्रेणी में रखा गया है. अपने गुणों के लिए लोकप्रिय आंवला, किसानों के लिए भी फायदेमंद है. विभिन्न दवाइयों, उत्पादों एवं क्रीमों में उपयोग होने वाले आंवला की मांग बाजार में खास है. चलिए आपको आज बताते हैं कि इसकी खेती कैसे की जाती है.

मुख्य आंवला उत्पादक राज्य

वैसे तो आमले की खेती सभी जगह होती है, लेकिन मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में यह अधिक लोकप्रिय है. मुलायम और बराबर शाखाओं वाले इस वृक्ष की औसत उंचाई 8-18 मीटर तक होती है और इसके फूल हरे-पीले रंग के होते हैं.

मिट्टी

इसकी खेती हर तरह की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक हल्की तेजाबी और नमकीन चूने वाली मिट्टी इसके लिए अधिक उपयोगी है. बढ़िया जल निकास वाली और उपजाऊ-दोमट मिट्टी पर अगर इसकी खेती की जाए, तो पैदावार कई गुणा बढ़ सकता है.

जुताई

आंवला की खेती से पहले खेतों की अच्छे से जुताई होनी चाहिए. मिट्टी को अच्छी तरह से भुरभुरा बनाने के बाद ही बिजाई का काम करना चाहिए.

बुवाई का समय

आंवले की खेती के लिए बुवाई का काम खरीफ के समय करना चाहिए. इसके फसल को बुवाई के समय अधिक तापमान एवं आर्द्रता की जरूरत होती है, इसलिए खरीफ का समय सबसे बेहतर है.

सिंचाई

गर्मियों में सिंचाई 15 दिनों के अंतराल पर करनी चाहिए, जबकि सर्दियों में अक्टूबर-दिसंबर के महीने में हर रोज़ चपला सिंचाई की जानी चाहिए. मानसून के मौसम में सिंचाई की विशेष जरूरत नहीं होती है.

तुड़ाई

बुवाई से 7-8 साल बाद जब पौधे पैदावार देना शुरू कर दें, तब तुड़ाई का काम शुरू कर देना चाहिए. तुड़ाई के लिए फरवरी का महीना सही है. इसकी तुड़ाई वृक्ष को ज़ोर-ज़ोर से हिलाकर की जाती है.


(आपको हमारी खबर कैसी लगी? इस बारे में अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें. इसी तरह अगर आप पशुपालन, किसानी, सरकारी योजनाओं आदि के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो वो भी बताएं. आपके हर संभव सवाल का जवाब कृषि जागरण देने की कोशिश करेगा)

English Summary: farming of Indian gooseberry in kharif season will give huge profit knwo more about it Published on: 14 May 2020, 02:33 IST

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