Bhui Neem: भुई नीम एक ऐसा पौधा है, जिसे नीम के समान ही माना जाता है. स्वाद में यह नीम की तरह कड़वा होता है. इसके पौधे छोटी वार्षिक जड़ी बूटी के समान दिखाई देते हैं. कई स्थानों पर इसे कालमेघ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसके पौधे नीले आकाश में एक काले बाद की तरह दूर से चमकते हुए दिखाई देते हैं. इसके अलावा इसमें अनेक शाखायुक्त पौधे होते हैं, जो ज्यादातर भारत के दक्षिण-पूर्व एशिया में पाए जाते हैं.
आपको बता दें कि इस पौधे को भारत में कई सर्वरोग निवारिणी के नाम से भी जाना जाता है. इसके पत्तों में 150 से ज्यादा रासायनिक रूप या प्रबंध पाए जाते हैं. इसके अलावा इसके पत्ते में स्टेम और जड़ों का औषधि बनाने में भी उपयोग किया जाता है, क्योंकि इसमें कई तरह के जीवाणुरोधी, एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते है. जो व्यक्ति के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं.
क्या है भुई नीम/What is Bhui Neem?
भुई नीम/Bhui Neem के खड़ी जड़ी बूटी का पौधा होता है. इसकी ऊंचाई लगभग 1 से 3 फीट तक होती है. इसका तना गहरे हरे रंग का होता है. अगर हम बात करें, इसकी पत्तियों की तो इसकी पत्ती चिकनी, विपरीत, लैंसोलेट पर रैखिक और 1.5 से 2.5 इंच लंबाई और वहीं 0.5 से .75 इंच चौड़ी पाई जाती हैं. इसके फूल बहुत छोटे होते है. साथ ही इसके फूलों पर बैंगनी रंग के धब्बे दिखाई देते हैं.
भुई नीम के फायदे/Benefits of Bhui Neem
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भुई नीम/Bhui Neem हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है. आयुर्वेद के मुताबिक इसमें पचनसंस्था और श्वसन विकार, बुखार, अन्य पुरानी और संक्रामक बीमारियों के इलाज के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है.
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भुई नीम के पत्तों का सेवन करने से व्यक्ति के रक्त शर्करा और रक्तचाप में सुधार होता है.
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इसके अलावा इसके इस्तेमाल से एक्जिमा जैसे त्वचा रोग से भी व्यक्ति को मुक्ति मिलती है.
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अगर किसी व्यक्ति को भूख नहीं लगती है तो उसे भुई नीम के सूखे पौधे का पाउडर लगभग 2 ग्राम की मात्रा के साथ गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से व्यक्ति के पाचन शक्ति में सुधार होता है और साथ ही उसे भूख भी लगना शुरू हो जाती है.
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