
शहरी जीवन में किचन गार्डनिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है. लोग बालकनी, छत या छोटे आंगन में ही फल और सब्जियां उगा रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी गार्डनिंग में दिलचस्पी रखते हैं और पौधों की धीमी ग्रोथ से परेशान हैं, तो आपके लिए एक आसान और सस्ता समाधान लेकर आए है, जिस तकनीक की हम बात कर रहे हैं, वह ‘राख’ की खाद है. इससे पौधों की ग्रोथ काफी अच्छी होती है और साथ ही, कम लागत में किसान को अच्छा मुनाफा भी मिलता है.
आइए में आइए आज के इस आर्टिकल में हम राख की खाद से जुड़ी हर एक डिटेल के बारे में विस्तार से जानते हैं.
राख से 4 गुना तेजी से बढ़ते हैं पौधे
गार्डनिंग एक्सपर्ट्स का कहना है कि लकड़ी या उपले की राख का उपयोग करने से पौधों की ग्रोथ 4 गुना तेजी से होती है. राख में मौजूद पोटैशियम, फास्फोरस और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व पौधों की जड़ों को मजबूत बनाते हैं और उनके विकास में मदद करते हैं.
कीड़ों और फंगस से भी बचाव
राख का एल्कलाइन नेचर और उसकी हल्की गंध कीड़ों और फंगस को दूर रखने में सहायक होती है. आप राख को पानी में घोलकर स्प्रे तैयार कर सकते हैं और उसे पौधों की पत्तियों पर छिड़क सकते हैं.
कैसी राख का करें इस्तेमाल?
- सिर्फ लकड़ी या उपले की राख ही लें.
- इस्तेमाल से पहले इसे अच्छी तरह छान लें, ताकि कोई मोटा टुकड़ा या कंकड़ न रहे.
- अगर आपके पास राख नहीं है तो आप इसे बाजार से भी खरीद सकते हैं.
कब और कैसे करें उपयोग
- राख को सीधे पौधों में न डालें, बल्कि मिट्टी में मिलाकर इस्तेमाल करें.
- आप मिट्टी की ऊपरी सतह पर राख फैला सकते हैं या पौधे लगाते समय मिट्टी में मिला सकते हैं.
- छोटे पौधों में 1 चम्मच और बड़े पौधों में 2 चम्मच राख का प्रयोग करें.
- इसे हर 15 दिन में एक बार दोहराया जा सकता है.
इन बातों का रखें ध्यान
राख का अधिक इस्तेमाल न करें. हर खाद की तरह इसका संतुलित उपयोग ही फायदेमंद होता है. जरूरत से ज्यादा राख डालने से पौधे नुकसान भी झेल सकते हैं.
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