थाई एप्पल बेर जैनेटिक बायो प्लान्ट सिस्टम द्वारा तैयार किया गया है, जिसका फल सेब जैसा नजर आता है और खाने मे बेर जैसा स्वाद होता है. भारत मे इसे थाईलैण्ड से लगभग 10 साल पहले ही लाया गया है. यह फल प्रमुख रूप से उच्च व्यवसायिक बाजार मूल्य वाला होता है, जिसका बाजार में अधिक पैसा मिलता है. यह फल चमकदार और सामान्य बेर की अपेक्षा काफी बड़े होते है. थाई एप्पल बेर के एक फल का वजन 40 ग्राम से लेकर 120 ग्राम तक होता है. थाई एप्पल बेर में रोग प्रतिरोधक क्षमता उतनी ही होती है जितनी कि एक सेब फल की होती है. बाजार में इसका दाम अधिक होने के कारण कम लोग ही इसे खरीदते हैं.
इसकी खेती करने में कम देखभाल व कम लागत मे अधिक उत्पादन होने के कारण इसकी मांग बढ़ रही है. फल बड़े आकार के होने के कारण तुड़ाई करने में आसानी रहती है और समय एवं खर्चे की भी बचत होती है. यदि एप्पल बेर के पौधे को खेत में एक बार लगा दिया जाए तो हर साल उत्पादन लिया जा सकता है. इसके फल में खनिज लवण, फॅास्फोरस एवं विटामिन सी प्रचूर मात्रा में पाए जाने के कारण बहुत गुणकारी एवं उपयोगी होता है.
थाई एप्पल बेर के लिए मिट्टी (Soil for Thai Apple Ber)
बेर की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी जिसमें जीवांश की मात्रा अधिक हो वह सर्वोतम रहती है. हालांकि हल्की क्षारीय और लवणीय भूमि में भी इसके पेड़ लग जाते हैं. इसमं कम पानी और सूखे से लड़ने की विशेष क्षमता होती है.
थाई एप्पल बेर के लिए गड्ढ़ा तैयार करें (Prepare pits for Thai Apple Ber)
थाई एप्पल बेर के खेत की तैयारी मई माह मे शुरू करें. 5 मीटर की दूरी पर वर्गाकार विधि द्वारा 2 फीट चौड़ा 2 फीट लम्बा, 2 फीट गहरा गड्ढ़ा खोद लेतथा इसके 25 दिन बाद 20-25 किलों अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद, आधा किलों नीम की पतियांऔर भूमि की उपरी मिट्टी को डालकर गड्ढ़े को भर देना चाहिए. पहली बारिश के साथ ही पहले से ही कलिकायन विधि (Budding method) से तैयार पौध को गड्ढों में रोपण करें. रोपण करने के लिए पालीथीन की थैली को एक तरफ से ब्लेड से काटकर पौधे को पालीथीन से अलग करं. पौधों को मिट्टी के साथ गड्ढ़ों के बीच में लगाकर चारों तरफ की मिटटी दबाकर अच्छी सिंचाई करें.
पौधरोपण एवं उर्वरक (Plantation and Fertilizer)
थाई एप्पल की खेती के लिए 0 से 50 डिग्री से. तक तापमान की आवश्यकता होती है. थाई एप्पल पौधे की उंचाई लगभग 7 से 15 फीट तक होती है. बगीचे में हाईब्रिड थाईएप्पल बेर के पौधे लगाते समय पौधे से पौधे की दूरी लगभग 15 फीट रखी जानी चाहिए. इस प्रकार एक बीघा में 80 पौधे लग जाते हैं. मिश्रित खेती के रूप में बेर के पौधों की कतारों के बीच में बैंगन, मिर्च, मटर, मूंग एवं मोठ आदि फसलों को उगा सकते हैं. थाई एप्पल पौधे के पौधरोपण का समय जुलाई से मार्च तक रहता है.
बेर में देशी खाद, सुपर खाद, सुपर फास्फेट व म्यूरेट ऑफ पोटाश की पुरी की मात्रा व नत्रजन उर्वरकों की आधी मात्रा जुलाई के महीने में भूमि में अच्छी तरह मिलाकर सिंचाई कर देनी चाहिए. बाकी बची नत्रजन की आधी मात्रा नवंबर माह में फल लगने के बाद देनी चाहिए.
थाई एप्पल बेर की उपज और बाजार मुल्य(Thai Apple Yield and Market Value)
थाई एप्पल बेर की हाईब्रिड प्रजाति के पौधे जल्दी वृद्धि करके 6 महीने में ही फल देने लग जाते हैं. इसका पौधा एक वर्ष का होने पर लगभग 20 से 25 किलों फल उत्पादन देता है एवं इसके बाद हर वर्ष 50 से 100 किलो तक फल देने लगता है. इसका बाजार भाव 50 रूपये प्रति किलो होता है. यह पौधा लम्बी आयु का होता है जो लगभग 50 वर्ष तक जीवित रहता है. इस फल पौधे में फूल वर्ष में दो बार मार्च एवं अक्टूबर के महीने में लगते हैं. इसके पौधे में काटें भी नही होते हैं.
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