वर्तमान समय मे आम के बागों में सबसे बड़ी समस्या भुनगा कीट द्वारा प्रस्तुत की जा रही है. यह कीट न सिर्फ आम के नन्हें फलों और नई कोमल पत्तियों का रस चूँस कर उनको क्षति कर रहा है, बल्कि हनी ड्यू (लासी) पैदा करके काली फफूंदी भी पैदा कर रहा है. इसके साथ साथ मिज कीट भी फलों को हानि कर रहे हैं. तराई क्षेत्रों में फलों पर एंथ्रेक्नोज की समस्या भी है. इन समस्याओं के प्रबंधन हेतु थायमेथोकजाम 1 ग्राम प्रति 3 लीटर के साथ कार्बेंडाज़िम 1 ग्राम प्रति लीटर पानी का छिड़काव कर सकते हैं. कुछ भागों में गुजिया कीट भी काफी सक्रिय हैं. इसके लिए कार्बोसल्फान या डाईमेथोएट 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी का प्रयोग करें. यदि तीनों कीट एक साथ समस्या बन रहे हों तो डाइमेथोएट ठीक रहेगी.
विगत में हुई वर्षा से इस बार अभी तक आम की फसल थ्रिप्स महामारी से बची हुई है. वर्षा की नमी अब लगभग खत्म हो रही है, अतः अब किसान भाई सिचाई भी करें. इससे फलों की उत्तम वृद्धि होगी और झड़ना कम रहेगा. यही समय है जब उर्वरकों का छिड़काव फलों और पत्तियों की अच्छी वृद्धि करेगा. अतः एन पी के 19, 19, 19 के 5 ग्राम के साथ 3 से 5 ग्राम शूक्ष्म पोषक तत्व मिश्रण प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें. ध्यान रखे कि 2 से अधिक रसायन एक साथ मिलकर न छिड़कें.
लेखक: डॉ. बी.पी सिंह एवं डॉ. एम. पी. सिंह कृषि विज्ञान केन्द्र, बहराइच -1
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