
Litchi Farming Pest Management: बिहार के लीची किसानों के लिए कृषि विभाग ने लीची उत्पादकों को सावधान करते हुए एक एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में कहा गया है कि लीची के बागानों में एक बेहद खतरनाक कीट "स्टिंक बग" (Stink Bug) का प्रकोप देखने को मिल रहा है, जो फसल को भारी नुकसान पहुंचा सकता है. इस कीट का असर पिछले साल मुजफ्फरपुर और पूर्वी चंपारण के कुछ इलाकों में देखा गया था. इसलिए किसानों को सलाह दी गई है कि वे समय रहते इस कीट की पहचान करें और जरूरी प्रबंधन अपनाएं.
स्टिंक बग कीट कैसे करता है फसल को बर्बाद?
स्टिंक बग एक गुलाबी या भूरे रंग का कीट होता है जो झुंड में हमला करता है. यह कीट नवजात अवस्था से लेकर वयस्क होने तक लीची के पौधों के कोमल हिस्सें, जैसे नई कलियां, पत्तियां, पुष्पक्रम, छोटे फल, फलों के डंठल और पेड़ की कोमल शाखाएं पर ही हमला करता है. यह कीट इन हिस्सों से रस चूसता है, जिससे फूल और फल काले पड़कर झड़ने लगते हैं. अगर समय पर इस कीट को नियंत्रित नहीं किया जाए, तो यह लीची की फसल को 80 प्रतिशत तक बर्बाद कर सकता है. यह कीट खासकर फरवरी से अप्रैल के बीच ज्यादा सक्रिय रहता है, जब लीची में फूल और फल आ रहे होते हैं.
लीची का सबसे बड़ा दुश्मन है स्टिंक बग
खबरों के अनुसार, स्टिंक बग लीची की फसल के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है. एक बार यह कीट लीची के बाग में आ जाए, तो इसकी संख्या इतनी तेजी से बढ़ती है कि पूरा बाग प्रभावित हो सकता है. कीटनाशकों का असर इस पर त्वरित होता है, लेकिन अगर कुछ कीट बच गए तो वे दोबारा भारी नुकसान कर सकते हैं.
स्टिंक बग की पहचान कैसे करें?
- कीट गुलाबी या भूरे रंग का होता है
- झुंड में एक साथ हमला करता है
- नई कलियों, फूलों, फलों और शाखाओं से रस चूसता है
- प्रभावित फूल और फल काले होकर झड़ने लगते हैं
- पेड़ की ग्रोथ रुक जाती है और उत्पादन में गिरावट आती है
स्टिंक बग से बचाव के घरेलू उपाय
- सुबह के समय लीची के पेड़ों की शाखाओं को हल्के से हिलाएं
- गिरने वाले कीटों को जमीन से इकट्ठा कर मिट्टी में दबाकर नष्ट कर दें
- बाग में नियमित निगरानी करें और शुरुआती लक्षणों पर तुरंत कार्रवाई करें
कीटनाशकों से करें नियंत्रण
राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर और कृषि विभाग द्वारा निम्नलिखित कीटनाशक संयोजन को दो बार 15 दिन के अंतराल पर छिड़कने की सिफारिश की गई है:
- थियाक्लोप्रिड 21.7% एस.सी (0.5 मिली) + लैम्डासायहैलोथ्रिन 5% ई.सी (1.0 मिली) को प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़कें.
- थियाक्लोप्रिड 21.7% एस.सी (0.5 मिली) + फिप्रोनिल 5% एस.सी (1.5 मिली) को प्रति लीटर पानी में मिलाएं और स्प्रे करें.
- थियाक्लोप्रिड 21.7% एस.सी (0.5 मिली) + प्रोफेनोफोस 50% ई.सी (1.5 मिली) को इस मिश्रण को भी प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें.
किसानों के लिए सलाह
किसानों के लिए यह बेहद जरूरी है कि वे अपने लीची बागानों की नियमित निगरानी करें और स्टिंक बग कीट के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें. जैसे ही कीट की उपस्थिति का संकेत मिले, तुरंत कृषि विभाग द्वारा सुझाए गए कीटनाशकों का समय पर छिड़काव करें. कीटों की संख्या को नियंत्रित करने और फसल को सुरक्षित रखने के लिए दो बार 15 दिन के अंतराल पर कीटनाशकों का छिड़काव अवश्य करें, ताकि फसल को अधिक नुकसान से बचाया जा सके.
Share your comments