देश में पशु चिकित्सकों और डिस्पेंसरी की बड़ी कमी के बीच जानवरों से इंसान में होने वाले रोग और उनके उत्पादों में एंटीबायोटिक की मौजूदगी इंसानों की सेहत के लिए खतरे का सबब बन रही है. इस कड़ी में कृषि व पशुपालन स्टैंडिंग कमेटी ने अगस्त में वेटरनरी क्षेत्र में सुधार को लेकर 30वीं रिपोर्ट जारी की है. जिसमें पशुओं को सही समय पर उचित इलाज मिल सके एवं पशुओं से होने वाले रोग पर मनुष्य कैसे बचाया जा सके इस पर वेटरनरी क्षेत्र में सुधार को लेकर रिपोर्ट जारी की गई है. इस रिपोर्ट में क्या है जानने के लिए पढ़िए इस पूरे लेख को.
पशुपालन स्टैंडिंग कमेटी ने रिपोर्ट में दिया सुझाव - Animal Husbandry Standing Committee suggested in the report –
1. पशुपालन स्टैंडिंग कमेटी ने जिला स्तर पर बड़ा मल्टी स्पेशिएलिटी से लैस पशु चिकित्सालय,
स्टाफ की उपलब्धता और टीकाकरण को लेकर बेहतर व्यवस्थाएं बनाने की सलाह दी है.
2. पशुओं की बीमारियों में किस प्रकार इजाफा हुआ है. एकल स्वास्थ्य नेटवर्क जिसमें मत्स्य पालन, बीमारियों से लडऩे की रोग प्रतिरोधक क्षमता के ऊपर, इंसानों व पशुओं में होने वाली बीमारियों पर मिलकर अनुसंधान करें एवं पशुओं से इंसानों में होने वाली बीमारियों पर काबू पाया जा सके.
3. कमेटी ने पशुपालन क्षेत्र में बजट को लेकर कहा है कि जितना बजट कमेटी के लिए घोषित किया जाता है, उतना ही मिलना चाहिए.
मल्टी स्पेशिएलिटी पशु चिकित्सा अस्पताल खुलवाएं – (Open Multi Specialty veterinary Hospital)
कमेटी का कहना है कि हर जिले में एक मल्टी स्पेशियलिटी पशु चिकित्सालय होना चाहिए. जिसमें सभी आधुनिक सुविधाएं पशुओं के लिए होनी चाहिए. जिससे पशुपालकों को पशुओं के इलाज के लिए दूर तक जाना नहीं पड़े.
वेटरनरी काउंसिल माडल कालेज बनाएं- (Create a Veterinary Council Model College)
वेटरनरी काउंसिल आफ इंडिया से गुजारिश की गई है कि वह राज्य में कम से कम एक माडल वेटरनरी कालेज बनाएं, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर की सभी सुविधाएं हों और जो प्रशिक्षण भी करा सके. अंतरराष्ट्रीय संस्थान ओआइई के साथ मिलकर नियम बनाए जाएं, जिससे पशुपालन के क्षेत्र में सुधार किया जाए.
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