बकरीपालन व्यवसाय आज एक बड़े पैमाने पर फैलता जा रहा है. विश्व स्तर पर आज ऐसी नस्लों की चर्चा है जो अधिक दूध उत्पादन करने वाली हैं. ऐसे में माल्टीज़ नस्ल की बकरी प्रतिदिन 5 से 10 लिटर दूध देने की क्षमता रखती है. इस नस्ल की बकरी का दूध अन्य बकरियों से अलग होता है या यूं कहें कि जाएकेदार और गंध अधिक नहीं होती.
इसके अतिरिक्त अल्पाइन नस्ल की बकरी भी अधिक दूध देने के लिए जानी जाती है. यह बड़े आकार वाली फांस की नस्ल है जिसका वजन 61 किलोग्राम तक होता है. इस नस्ल की बकरी के कान खड़े होते हैं. बकरियां सफेद और भूरे या काले रंग की होती हैं.
इस बकरी के दूध के डेयरी उत्पाद भी अच्छे होते हैं. जैसे दूध से पनीर, आइसक्रीम व मक्खन आदि भी अच्छी गुणवत्ता वाला होता है. यानिकि इन नस्लों के बकरीपालन से दूध उत्पादन कर बाजार में दूध की मांग भी बढ़ाई जा सकती है. जाहिर है कि ऐसे में डेयरी उत्पादों की क्वालिटी के लिए लोग बकरियों की दूध की तलाश करते हैं.
हालांकि अभी ये बकरी की नस्लें भारत में नहीं है लेकिन अगर ये नस्लें भारत में आती है तो बकरीपालन व्यवसाय बड़े स्तर पर पहचान प्राप्त कर सकता है.
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