भारत के ग्रामीण इलाकों में खेती किसानी के बाद सबसे ज़्यादा पशुपालन किया जाता है और यह वहां के लोगों की आय के एक प्रमुख श्रोत के रूप में भी जाना जाता है. मगर ज़्यादातर किसान गाय, भैंस, बकरी और भेड़ पालन पर ज्यादा जोर देते हैं. सूअर पालन को गांव के लोग एक अछूत और निम्न स्तर का काम समझते हैं, लेकिन आपको बता दें कि वर्तमान समय में सूअर पालन का व्यापार एक फलता- फूलता व्यापर है. इसके ज़रिए लोग कम लागत में लाखों की कमाई कर रहे हैं.
सूअर पालन को लेकर अगर किसानों की दिलचस्पी के बारे में बात करें, तो हमें यह देखने को मिलता है कि आज के समय में किसान इसे बड़ी गंभीरता से लेने लगे हैं और अछूत या निम्न स्तर का काम न समझते हुए पशुपालन को एक नए विकल्प के तौर पर देख रहे हैं.
सूअर पालन से जुड़ी पूरी जानकारी कुछ इस प्रकार है:
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कम लागत का व्यापार है सूअर पालन
अगर आप सूअर पालन करना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों द्वारा दी गई राय के अनुसार आपको बता दें कि मात्र 50 हजार रुपये लगाकर आप इस व्यवसाय की शुरुआत कर सकते हैं. वहीं, अन्य पशुओं की तरह आपको इनके चारे की भी चिंता नहीं करनी है, क्योंकि सूअर सड़े गले पदार्थों को खाकर ही अपना पेट भर लेते हैं, जो कि अन्य पशुओं के साथ संभव नहीं है.
शहरों में लोकप्रिय हो रहा है सूअर पालन का व्यवसाय
सूअर पालन का व्यवसाय ग्रामीण क्षेत्र के वजाय शहरी क्षेत्रों में ज़्यादा लोकप्रिय हो रहा है. इसके पीछे की वजह कम लागत और ज़्यादा मुनाफ़ा है. आपको बता दें कि एक मादा सुअर मात्र 114 से 115 दिनों में लगभग 6 से 7 बच्चों को जन्म दे देती है. ऐसे में सुअर की संख्या बहुत तेजी से बढ़ती है और आपके पास जिनते ज़्यादा सूअर होंगे, उतना ही आप अधिक लाभ कमा सकेंगे. विशेषज्ञों के अनुसार अगर आपके के पास 15 से 20 मादा सूअर हैं, तो आप साल में लगभग 2 से 3 लाख रूपये कमा सकते हैं.
सूअर के मांस और अन्य चीज़ों से कमा सकते है पैसा
सूअर में मांस की मात्र अधिक होती है और बाज़ार में इसके मांस की मांग भी आजकल बड़े स्तर पर देखने को मिल रही है. यही नहीं, सूअर के मांस का औषधीय, चिकनाई और क्रीम बनाने में भी प्रयोग किया जाता है. ऐसे में आप सूअर के मांस से बहुत अधिक मात्रा में लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
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