यदि मन में कुछ ठान लिया जाए तो फिर राह भले ही कितनी कठिन हो लेकिन इंसान वहां तक पहुँच ही जाता है. ऐसी प्रेरक कहानी है बिहार के मिल्कमैन दामोदर सिंह की. जो आज अकेले ही 600 लीटर दूध का उत्पादन करते हैं. उन्होंने आज से 25 साल पहले कर्ज लेकर एक गाय खरीदी थी. यह गाय उस समय प्रत्येक दिन 6 लीटर दूध देती थी लेकिन आज वे 600 लीटर दूध बेचते हैं.
दामोदर मूलतः बिहार के कैमूर जिले में रामगढ ब्लॉक के ठाकुर गाँव से है. उनके काम को देख आज उनके आसपास के लोग भी दूध व्यवसाय की और बढ़े रहे हैं. ज्यादातर लोग दामोदर सिंह से ही सलाह लेते हैं. उन्हीं की सलाह के अनुसार दुधारू पशु की खरीददारी कर उनका पालन पोषण किया जाता है.
अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा
दामोदर ने 600 लीटर दूध उत्पादन का नया रिकॉर्ड बनाया है. हालांकि पहले के रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम है. वे यहां के शाहाबाद क्षेत्र की मिल्क यूनियन से दूध उत्पादन में तीन बार पहला स्थान हासिल कर चुके हैं। तीनों बार उन्होंने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ कर पहले स्थान पर कब्ज़ा जमाया। हालांकि उनकी इच्छा अभी भी पूरी नहीं हुई है. उनका कहना है कि वे अपनी डेरी के लिए ज्यादा से ज्यादा पशुओं का पालन करना चाहते हैं. उनकी इच्छा है कि वे गाय और भैंस की संख्या 600 से ज्यादा करना चाहते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि दामोदर के गाँव की आबादी महज 22 सौ के आसपास है. इसके बावजूद उनके गाँव में सात से ज्यादा दूध केंद्र है. पूरे गाँव से 3000 लीटर दूध का उत्पादन होता है.
महीने की लाखों में कमाई
दामोदर को इस मुकाम तक पहुँचने की भी काफी प्रेरक कहानी है. उनका कहना है कि मेरा बचपन से सपना सेना में जाने का था. लेकिन मुझे कामयाबी नहीं मिल पाई. जबकि मेरे कई दोस्त सरकारी नौकरी में है. इस दौरान मैंने अपने परिवार का काफी पैसा खर्च कर दिया. तब मैंने दूध के व्यवसाय का मन बनाया. सबसे पहले एक गाय खरीदी, जो सुबह-शाम कुल 6 लीटर दूध दिया करती थी. धीरे-धीरे यह बिजनेस मुझे रास आ गया. आज मेरे पास 100 के करीब गाय -भैंस है. इनसे वह प्रतिदिन 600 लीटर दूध बेचते हैं. यदि दूध का भाव 30 रुपये लीटर भी हो तो वे एक दिन में 18,000 रुपए का दूध बेच देते हैं. इस तरह वे महीने भर में करीब 5.40 लाख रुपये की कमाई कर लेते हैं. वे बताते हैं कि वे अपने पशुओं के खाने का पुख्ता इंतज़ाम करते हैं. लगभग आधे रूपये वे इसमें खर्च करते हैं. वे खुद पनीर और छेना भी बनाते हैं. इससे वे 30 हजार रुपये महीना कमा लेते हैं.
सरकार आगे आये
दामोदर का कहना है कि दूध का बिजनेस अच्छा फायदा देता है लेकिन सरकार को भी पशुपालकों के लिए कुछ सुविधाएँ देना चाहिए. उनका कहना है कि आज बड़ी-बड़ी कंपनियां आ गई हैं, बड़ी-बड़ी मशीनें भी आ गई हैं, इसके बावजूद पशुपालक हाथ से दूध दोहते हैं, हम उन मशीनों को खरीद भी सकते हैं, मगर वो मशीनें ख़राब हो गईं तो हम कहाँ सुधरवाने जायेंगे. इसके लिए सरकार को प्रयास करना चाहिए.
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