देशभर में इन दिनों बारिश अपना जबरदस्त कहर बरपा रही है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. ऐसे में जानवरों के बीच 'लंपी वायरस' फैलने का खतरा भी बढ़ गया है. इसको ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार तमाम जरूरी कदम उठा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ को देखते हुए राज्य के सभी पशु चिकित्सालय को गायों और भैसों के टीकाकरण करने की योजना पर जोर देने के निर्देश दिए हैं. वहीं, सीएम ने तमाम शहरों व गांवों में विशेष सफाई अभियान चलाने का भी आदेश दिया है.
जारी किया गया हेल्पलाइन नंबर
हालांकि, अभी तक उत्तर प्रदेश में लंपी वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है. लेकिन सरकार इसको लेकर गंभीर है. पशुपालन विभाग ने पशुपालकों के लिए पशुधन हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1800- 180- 5141 और मोबाइल वेटेरिनरी हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1962 जारी किया है. विभाग की तरफ से यह जानकारी दी गई है कि राज्य भर में लंपी वायरस के खतरे को देखते हुए 520 मोबाइल वेटेरिनरी वैन काम पर हैं. इसमें 250 से अधिक वैन को गांव-गांव में भेजा गया है. वहीं, बाकी बचे वैन आपातकालीन स्थिति के लिए तैनात हैं.
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मवेशियों को असहनीय दर्द का करना पड़ता है सामना
पशु चिकित्सक सुनील त्यागी बताते हैं लंपी वायरस में पशुओं त्वचा रोग का सामना करना पड़ता है. इसमें त्वचा में गांठे पड़ जाती हैं. जिनसे खून निकलता है. इस दौरान उन्हें असहनीय दर्द का भी सामना करना पड़ता है. कभी-कभी तो इस बीमारी से जानवरों की मौत भी हो जाती है. यह बीमरी खास कर गाय व भैंस को होती है. बताया जाता है कि लंपी वायरस बरसात के मौसम में फैलता है. यह वायरस जानवरों में खून चूसने वाले कीड़ों से पहुंचता है.
लंपी वायरस से संक्रमित होने के बाद गाय-भैंसों को हल्का बुखार, शरीर में दाने, घाव, नाक बहना और मुंह से लार निकलने की समस्याएं होती हैं. इसके अलावा, लंपी वायरस दूध के उत्पादन को भी बड़ी मात्रा में प्रभावित करता है.
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