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ठंड में जानवरों का ऐसे रखें ख्याल, पढ़िए पूरी खबर

सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है. इस मौसम में ठंड से बचने के लिए लोग कई तरह के तरीके अपनाते है. गर्म कपड़ों से लेकर खाने-पीने तक का ध्यान रखते है, लेकिन क्या आप जानते है कि जानवरों को ठंड से बचाने के लिए कौन से तरीके अपनाने चाहिए? आज हम अपने इस लेख में आपको बताने जा रहे है कि कौन से जानवर को ज्यादा ठंड लगती है और ठड़ से उनका बचाव कैसे करना चाहिए.

कंचन मौर्य
कंचन मौर्य
animals winters

सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है. इस मौसम में ठंड से बचने के लिए लोग कई तरह के तरीके अपनाते है. गर्म कपड़ों से लेकर खाने-पीने तक का ध्यान रखते है, लेकिन क्या आप जानते है कि जानवरों को ठंड से बचाने के लिए कौन से तरीके अपनाने चाहिए? आज हम अपने इस लेख में आपको बताने जा रहे है कि कौन से जानवर को ज्यादा ठंड लगती है और ठड़ से उनका बचाव कैसे करना चाहिए.

ठंढ के मौसम में पशुओं का ऐसे रखें ध्यान

वैज्ञानिकों का कहना है कि पशुओं की मौत सबसे ज्यादा ठंड लगने से होती है, इसलिए ठंड में उनका अच्छे से ख्याल रखना बेहद जरुरी होता है. इस मौसम में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है. सबसे पहले आपको बता दें कि सर्दियों के मौसम में पशुओं को कभी भी ठंडा चारा और दाना नहीं देना चाहिए, क्योंकि इससे पशुओं को ठंड लग जाती है. उन्हें ठंड से बचाव के लिए हरा चारा व मुख्य चारा एक से तीन के अनुपात में मिलाकर खिलाना चाहिए. इस मौसम में पशुपालकों को पशुओं के आवास प्रबंधन पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. इसके अलावा जहां पशु आराम करते हैं, वहां पुआल, भूसा, पेड़ों की पत्तियां बिछाना अच्छा रहता है. ठंडी हवा से बचाव के लिए पशुशाला के खिड़कियों, दरवाजे व अन्य खुली जगहों पर बोरी टांग लगा दें. सर्दी के मौसम में पशुओं को संतुलित आहार देना चाहिए. पशुओं को ज्यादा सुबह या फिर ज्यादा शाम को  पशुशाला से बाहर नहीं निकालना चाहिए.

how to protect animals from the cold

सर्दी में पशुओं को होने वाले रोग

निमोनिया : पशुओं को ये संक्रमण रोग तब होता है. जब उन्हें दूषित वातावरण व बंद कमरे में रखा जाए. इस रोग में पशुओं की आंख व नाक से पानी गिरने लगता है.

अफारा : इस मौसम में पशुओं को अफारा रोग होने की संभावना रहती है, इसलिए पशुपालन करते समय पशुओं को जरूरत से ज्यादा दलहनी हरा चारा जैसे बरसीम व अधिक मात्रा में अन्न व आटा, बचा हुआ बासी खाना नहीं देना चाहिए. क्योंकि इसी वजह से यह रोग होता है. इस रोग में जानवर के पेट में गैस बन जाती है. बायीं कोख फूलने लगती है. ऐसे में अच्छा होता है कि पशुओं को चारे के साथ गुड़ दें, ये उनके लिए ज्यादा लाभदायक होता है.

ठण्ड लगना : इससे प्रभावित पशु को नाक व आंख से पानी आना, भूख कम लगना, शरीर के रोएं खड़े हो जाना आदि लक्षण आते हैं. इससे बचाने के लिए उन्हें एक बाल्टी खौलते पानी के ऊपर सूखी घास रख दें. इसके अलावा रोगी पशु के चेहरे को बोरे या मोटे चादर से ऐसे ढ़के कि नाक में भाप दें. इसके अलावा आप ग्रोवेल का एमिनो पॉवर दें. एमिनो पॉवर एक अद्भुत दवा है, इससे प्रोटीन्स,विटामिन्स और मिनरल्स मिलाकर बनाया जाता है. एमिनो पॉवर  न केवल पशुओं को ठंढ के मौसम में गर्मी प्रदान करता है, बल्कि की किसी भी प्रोटीन्स,विटामिन्स और मिनरल्स की कमी की पूर्ति करता है, साथ ही पशुओं को हस्ट -पुष्ठ रखता है.

winter

पशुओं को दस्त : ठंड के मौसम में पशुओं को दस्त की शिकायत हो जाती है. इसके लिए ग्रोवेल का ग्रोलिव फोर्ट दें और साथ में निओक्सीविटा फोर्ट दें. इस दवा को देने पर तुरंत लाभ होता है.

श्वास संबंधी बीमारी : शीत ऋतु में मुर्गियों को श्वास संबंधी बीमारी हो जाती है. इससे बचाने के लिए सिप्रोकोलेन दवा मुर्गियों को पानी में मिलाकर सात से दस दिन तक देना चाहिए.

English Summary: how to protect animals from the cold, read the whole news Published on: 02 December 2019, 04:53 IST

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