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भारत दुनिया में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में सबसे अव्वल नंबर पर आता है लेकिन यहां पर डेयरी क्षेत्र में कई अन्य प्रकार की समस्याएं हैं जिनका सरकार की सहायता से सामाधान किया जा सकता है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के डेयरी क्षेत्र में विकास करने की असीम संभावनाएं और यह किसानों की समृद्धि का सबसे बड़ा साधन बन सकता है. इसलिए सरकार आने वाले पांच सालों में हर एक गांव में डेयरी खोलने की योजना बना रही है.
गरीबी हटाने का जरिया बन सकता है पशुपालन
सिक्किम के एक कार्यक्रम के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत में 70 फीसद से ज्यादा दूध असंगठित तरीके से मार्केट में जाता है. इसलिए हमें सहकार्य के जरिए इस क्षेत्र को और ज्यादा मजबूत करना होगा ताकि देश में विदेशी कंपनियां न आ सकें. यही नहीं पशुपालन एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए किसानों को गरीबी के गर्त से बाहर निकाला जा सकता है.
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पशुपालन है किसानों की रीड़
किसानों के लिए खेती के अलावा पशुपालन आय का एक बहुत बड़ा जरिया है या यूं कहें कि ये किसानों के लिए रीड़ की हड्डी की तरह काम करता है. इसलिए इसे बढ़ावा देना सरकार की पहली प्रामिकता होना चाहिए.
पशुपालन पर किसानों को मिलती है सब्सिडी
किसानों के हित में काम करने वाली भारत सरकार की संस्था नाबार्ड डेयरी फार्म खोलने के इच्छुक किसानों को 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी देता है. वहीं SC/ST समुदाय के लोगों को 33.3 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है. आपको बता दें कि इस योजना का लाभ एक परिवार से एक ही व्यक्ति को मिलता है. इससे जुड़ी ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए स्टार्टअप इंडिया और नाबार्ड की अधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं.
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