देशभर में दूध और उससे बने उत्पादों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. अगर गौर से देखा जाए, तो आधुनिक समय में डेयरी फार्मिंग से अच्छा मुनाफ़ा देने वाला कोई व्यवसाय नहीं है. डेयरी फार्मिंग को एक सफल व्यवसाय माना जाता है, जो कि छोटे गांव से लेकर बड़े शहरों तक फैला हुआ है. इस व्यवसाय की सफलता का मुख्य आधार उन्नत नस्ल के पशुओं को माना जाता है.
अगर दुधारू पशुओं की नस्ल का चयन करते समय जरा सी चूक हो जाए, तो डेयरी फार्मिंग पर इसका सीधा प्रभाव पड़ सकता है. ऐसे में पशुपालक को हमेशा दुधारू पशुओं की उन्नत नस्लों पर ध्यान देना चाहिए.आपको बता दें कि देश में गाय की कई ऐसी उन्नत नस्लें पाई जाती हैं, जो कि डेयरी फार्मिंग में बहुत अच्छा मुनाफ़ा दे सकती है. इसमें दो विदेशी नस्ल की गाय भी शामिल हैं, जो हमारे देश में काफी लोकप्रिय हैं. इनका पालन करके आप कुछ ही महीनों में लखपति बन सकते हैं.
होल्सटीन फ़्रिसियन यानी एचएफ गाय (Holstein friesian cow)
दुनियाभर में इस गाय सबसे अधिक दूध देने वाली गाय कहा जाता है. इसका शरीर काफी बड़ा होता है. यह काले और सफ़ेद रंग की होती है. इसका वजन आमतौर पर 580 किलोग्राम का होता है. इसकी खासियत है कि यह सबसे ज्यादा दूध देती है. एचएफ गाय को एक संवेदनशील पशु माना जाता है, लेकिन इसकी शुद्ध नस्ल अधिक तापमान सहन नहीं कर पाती है. बता दें कि यह गाय रोजाना 25 से 30 लीटर तक दूध देती है. इसके दूध में फैट की मात्र केलव 3.5 प्रतिशत होती है. यह गाय लगभग 40 से 60 हज़ार रुपए में मिल जाती है.
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जर्सी गाय (Jersey cow)
यह गाय भी कॉमर्शियल डेयरी फार्मिंग के लिए अच्छी मानी जाती है, जो कि इंग्लैंड में उत्पन्न हुई है. इन गाय का शरीरी मध्यम आकार का होता है, साथ ही शरीर का रंग लाल, माथा चौड़ा, आंखे बड़ी होती हैं. इनका वजन लगभग 400 से 450 किलोग्राम का होता है. यह गाय रोजाना 12 से 14 लीटर तक दूध दे देती हैं. हमारे देश में लगभग सभी मौसमों में इन गाय को पाला जा सकता है.
इस गाय की खासियत है कि इनमें रोग प्रतिरोध क्षमता अच्छी होती है. यह गाय एचएफ गाय की तुलना में अधिक तापमान सहन कर सकती हैं. इन गाय की कीमत भी लगभग एचएफ गाय की तरह ही होती है. इसके अलावा इनकी कीमत दूध उत्पादन और उम्र पर भी निर्भर होती है.
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