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सीबास मछली से होगा फायदा, जानिए पालन के मूल सिद्धांत

कम लागत में अगर आप कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो सीबास मछली का पालन कर सकते हैं. इस मछली को मैरीन मछली की श्रेणी में रखा गया है, जो कम गहरे क्षेत्रों और शीतोष्ण क्षेत्रों में पाई जाती है. इस मछली का शरीर बहुत ही मजबूत होता है, जो सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है. इसके पंख लंबे होते हैं जबकि इसका मुंह तिरछा और आंखे ऊपर की तरफ व्यवस्थित होती है. गलफड़ों के बाहरी किनारों पर एक समतल कांटा होता है. चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं

सिप्पू कुमार
सिप्पू कुमार

कम लागत में अगर आप कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो सीबास मछली का पालन कर सकते हैं. इस मछली को मैरीन मछली की श्रेणी में रखा गया है, जो कम गहरे क्षेत्रों और शीतोष्ण क्षेत्रों में पाई जाती है. इस मछली का शरीर बहुत ही मजबूत होता है, जो सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है. इसके पंख लंबे होते हैं जबकि इसका मुंह तिरछा और आंखे ऊपर की तरफ व्यवस्थित होती है. गलफड़ों के बाहरी किनारों पर एक समतल कांटा होता है. चलिए आपको इसके बारे में बताते हैंइस मछली के कई रंग होते हैं, लेकिन आम तौर पर सलेटी रंग या काले भूरे रंग में इसकी उपलब्धता अधिक होती है. वैसे यह एक तरह की मांसाहारी मछली है.शैल्टर इसके लिए वैसी भूमि का चुनाव करें, जिसमें पानी क रोक कर रखने की क्षमता अधिक हो. रेतीली और दोमट भूमि पर इसके लिए तालाब ना बनायें. आप चाहें तो रिसर्कुलर एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस) तकनीक की मदद से सीमेंट के टैंक बनाकर भी इसका पालन कर सकते हैं.

देखभाल

स्कूप की मदद से मछलियों के बच्चों को टैंक में निकालें और आईड्रॉपर की सहायता से इन्फूसोरिया की कुछ बूंदे दें. इस तरह एक बार में इस काम को कई बार करें. कुछ दिनों के बाद उनके आकार में आधे इंच के हो जाने पर उन्हें नए टैंक में रखें. इससे उनका विकास अधिक होगा.

खाद

इसके पालन में जैविक और अजैविक खादों का उपयोग किया जा सकता है.  आप खनिज वाले पोषक तत्वों, जैसे- जानवरों की खाद, चिकन खाद और अन्य जैविक सामग्रियों का उपयोग कर सकते हैं. इसी तरह नाइट्रोजन, फासफोरस और पोटाशियम आदि का उपयोग भी किया जा सकता है.

इस बीमारी से बचाएं

मुख्य तौर पर इन्हें पूंछ और पंखों के गलने की शिकायत होती है. इस बीमारी के लक्षण को पूंछों और पंखों को देखकर पहचाना जा सकता है. गलने के बाद उनके रंग हल्के सफेद हो जाते हैं. इलाज के लिए कॉपर सल्फेट 0.5 प्रतिशत का उपयोग कर सकते हैं.

(आपको हमारी खबर कैसी लगी? इस बारे में अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें. इसी तरह अगर आप पशुपालन, किसानी, सरकारी योजनाओं आदि के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो वो भी बताएं. आपके हर संभव सवाल का जवाब कृषि जागरण देने की कोशिश करेगा)

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English Summary: sibas fish farming is profitable know more about investment and income Published on: 01 June 2020, 08:04 IST

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