1. Home
  2. पशुपालन

दुधारू नस्ल की गायों के लिए आएंगे ब्राजील से गीर के सांड

पशुपालन कृषि व्यवसाय की एक ऐसी शाखा है, जिसमें कई प्रकार के पशुओं का पालन किया जाता है, लेकिन दुधारू पशुओं को अधिक प्रमुखता दी जाती है. इसी कड़ी में दुधारू नस्ल की गाय पैदा करने के लिए महाराष्ट्र के पशु संवर्धन एवं डेयरी विकास विभाग द्वारा एक अहम फैसला लिया गया है.

कंचन मौर्य
कंचन मौर्य
Desi Cow Breeds
Desi Cow Breeds

पशुपालन कृषि व्यवसाय की एक ऐसी शाखा है, जिसमें कई प्रकार के पशुओं का पालन किया जाता है, लेकिन दुधारू पशुओं को अधिक प्रमुखता दी जाती है. इसी कड़ी में दुधारू नस्ल की गाय पैदा करने के लिए महाराष्ट्र के पशु संवर्धन एवं डेयरी विकास विभाग द्वारा एक अहम फैसला लिया गया है.

फैसला यह है कि अब ब्राजील से गीर नस्ल के सांड और प्रोजन सीमेन (शुक्राणु) आयात किए जाएंगे. इसके लिए सरकार जल्द ही ई-ग्लोबल टेंजर जारी करने वाली है. इस परियोजना को राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत पूरा किया जाएगा. जब सांड और सीमेन के आपूर्तिकर्ता का चुनाव हो जाएगा, तब राज्य सरकार को आयात के लिए केंद्र से अनुमति लेनी होगी. इसके लिए सांड की आवश्यक टेस्ट रिपोर्ट केंद्र को उपलब्ध करानी होगी.  

फ्रोजन भूण लाना है फायदेमंद

मुंबई वेटरेनरी कॉलेज के पूर्व डीन और पशु विशेषज्ञ डॉ. अब्दुल समद का कहना है कि अगर विदेश से सांड या सीमेन न लाकर अच्छी नस्ल के फ्रोजन भ्रूण भारत में पाई जाने वाली किसी अच्छी नस्ल की स्वस्थ गाय में रोपित कर दिया जाए, तो इससे अच्छी नस्ल के बछड़े पाए जा सकते हैं. इन बछड़ों का मेल 3 साल बाद पहले से चयनित गायों से कराकर अच्छी नस्ल की दुधारू गाय पाई जा सकती है.

हालांकि, इसके लिए केंद्र और प्रदेश सरकारों को मिलकर एक योजना तैयार करनी होगी. इसके तहत मिली गायों का रिकॉर्ड रखा जाए. इसके साथ ही उनके खान-पान की उचित व्यवस्था की जाए, ताकि इन गायों से अधिक मात्रा में दूध लिया जा सके. 

अच्छी नस्ल की गायों से होगा मेल

ब्राजील से सांड को लाने के बाद पुणे, नागपुर और औरंगाबाद स्थित सरकारी फार्म हाउस में रखा जाएगा. इसके बाद अच्छी नस्ल की गायों से इनका मेल कराया जाएगा.

जूनागढ़ के नवाब ने ब्राजील को भेंट स्वरूप दी थीं कुछ गीर गाय

डॉ. अब्दुल समद की मानें, तो गीर नस्ल की दुधारू गाय गुजरात के गीर क्षेत्र में पाई जाती हैं. मौसम की दृष्टि से देखा जाए, तो इन्हें भारत के किसी भी भाग में रखा जा सकता है. बता दें कि ब्राजील का मौसम भी लगभग भारत की तरह ही होता है. ऐसा कहा जाता है कि लगभग 200 साल पहले जूनागढ़ के नवाब ने ब्राजील को कुछ गीर गाय भेंट स्वरूप दी थी. इसके बाद से 1920 तक गीर गायों के कई बैच ब्राजील जाते रहे. जो गाय भारत से ब्राजील गईं, उनके  साथ कई प्रयोग किए गए, जिससे उनकी दूध देने की क्षमता को बढ़ाया गया.

निजी डेयरियों को भी अनुमति

महाराष्ट्र सरकार निजी डेयरियों को भी इस प्रकार के सांड, सीमेन या भ्रर्ण आयात की अनुमति देने को तैयार है.

जानकारी के लिए बता दें कि महाराष्ट्र में साल 2013 से ही राज्यभर के किसानों एवं सरकारी व निजी फार्मों में अच्छी नस्ल की गायों का रिकॉर्ड रखा जा रहा है. इसका उपयोग अब इन सांड से मेल कराने में किया जाएगा. पहले भी इस तरह की प्रक्रिया के परिणाम मिले हैं.

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

  • ब्राजील से 1 हजार फ्रोजन सीमेन और 4 गीर नस्ल के सांड मंगाए जाएंगे.

  • आयात किए जाने वाले एक गीर सांड की कीमत 13 से 15 लाख रुपए है.

  • आयात किए जाने वाले प्रत्येक सांड से हर साल 10 से 15 हजार सीमेन मिलेंगे.

  • एक फ्रोजन सीमेन की कीमत 375 से 450 रुपए है.

  • गर्भाधान की सफलता दर 40 प्रतिशत है.

  • महाराष्ट्र सरकार 7 से 8 साल पहले भी सीमेन आयात कर चुकी है. इसके अच्छे परिणाम सामने आए थे.

  • ब्राजील में अच्छी नस्ल की गाय हर साल 10 से 11 हजार लीटर दूध देती है.

  • भारत में हर साल अच्छी नस्ल की गाय 1500 से 200 लीटर दूध देती हैं.

English Summary: gir bull will come from brazil for milch breed cows Published on: 23 June 2021, 04:48 IST

Like this article?

Hey! I am कंचन मौर्य. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News