किसानों के लिए पशुपालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें हर दिन अच्छी कमाई कर सकते हैं. पशुपालन किसानों के लिए अच्छी आय का जरिया है. लेकिन पशुपालन के व्यवसाय में किसानों को काफी सावधानियां भी बरतनी पड़ती है.
पशुपालन के व्यसाय में पशुओं के दूध उत्पादन से लेकर उनके गोबर तक से अच्छा पैसा कमाया जाता है. इन्हीं बातों के मद्देनजर सरकार किसानों एवं पशु पालकों को पशुओं में कुत्रिम गर्भाधान के लिए जागरूक कर रही है.
दरअसल, पशुपालक अपने पशुओं में झोटे से गर्भाधान करवाते हैं यानी की सीधा क्रोस्सिंग करवाते हैं जिससे पशुओं में कई तरह की बीमारियाँ फैलने का डर रहता है और साथ ही पशुओं में दूध उत्पादन की क्षमता भी कम हो जाती है. इसके अलावा होने वाले नवजात पशु की नस्ल पर भी काफी प्रभाव पड़ता है. इसलिए कुत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) से ही पशुओं में गर्भाधान करवाना चाहिए.
कुत्रिम गर्भाधान से की जाती है अच्छी सीमन तैयार (Good Semen Is Prepared By Artificial Insemination)
बता दें कि सरकार ने पशुपालन को बढ़ावा (Promotion Of Animal Husbandry) देने के लिए देश के कई राज्य में 3000 से अधिक पशुचित्सिक केंद्र खुले है. जहाँ पशुओं में प्राकृतिक गर्भाधान के जरिए नवजात पशुओं का जन्म करवाया जाता है. पशुचिकित्सक केंद्र में प्राकृतिक गर्भाधान के लिए अच्छी नस्ल के पशुओं का सीमन (siman) को प्रयोग किया जाता है, जहाँ इसमें पूरी जांच के बाद ही सीमन तैयार किया जाता है एवं नर और मादा पशुओं के नस्ल की सही जानकारी रहती है. और होने वला नवजात पशु भी अच्छी नस्ल का पैदा होता है.
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कुत्रिम गर्भाधान की फीस मात्र 30 रूपए (Artificial Insemination Fee Only 30 Rupees)
हरियाणा के पशुचिकित्सिक केंद्र में कुत्रिम गर्वाधान की फीस मात्रे ३० रूपए तय की गई है. किसान भाई अपने पशुओं का कुत्रिम गर्वाधान करवा सकते हैं.
कुत्रिम गर्भाधान से पशुपालन करने वाले किसानों को काफी लाभ होगा. ऐसे ही पशुपालन से जुडी सभी ख़बरों को जानने और पढने के लिए जुड़े रहिये कृषि जागरण हिंदी पोर्टल से.
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