मुर्गी पालन की बजाय यदि किसान बत्तख पालन करें तो अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है. बत्तख की खाकी कैंपबैल नस्ल अंडा उत्पादन के लिए सर्वोत्तम नस्ल मानी जाती है. यह लगातार दो साल तक अंडे देती है वहीं साल में इससे 300 अंडे तक लिए जा सकते हैं. साथ ही मुर्गी पालन की तुलना में बत्तख पालन कम खर्चीला पड़ता है. तो आइये जानते हैं बत्तख पालन में कितना खर्च होता है और इससे कितनी कमाई होती है.
जानिए, खाकी कैंपबैल नस्ल की खासियत (Know, the specialty of Khaki Campbell breed)
बत्तख की इस नस्ल को वाईट रन्नर, नसल फॉन और मलार्ड बत्तखों के प्रजनन से विकसित किया गया है जो कि दिखने में बेहद आकर्षक होती है. इसकी पीठ का निचला भाग भूरा, चोंच नील रंग की तथा टांगे और पंजे गहरे संतरी रंग के होते हैं. एक नर बत्तख का वजन तक़रीबन 2.2 से 2.4 किलो तथा मादा का वजन 2.0 से 2.2 किलोग्राम होता है. वहीं इसके अंडे का वजन 70 ग्राम का होता है. यह बत्तख की सबसे ज्यादा अंडे देने वाली नस्ल है. जिसका पालन करके किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं.
कम रोग लगते हैं (Less disease)
बतखों को तालाबों, मक्का और धान के खेत में पाला जा सकता है. यह धान और मक्का के खेत में घूमकर छोटे-छोटे कीडे़, मकोड़े और घोंघे के खाते हैं. जिससे फसल भी अच्छी होती है. वहीं मुर्गियों की तुलना बत्तख को रोग भी कम लगते हैं जिससे इसका पालन करना आसान होता है. वहीं बत्तख के अंडों की अच्छी खासी मांग रहती है. बता दें कि देश में अंडों की 10 प्रतिशत पूर्ती बत्तख के अंडों से होती है.
बत्तख के बच्चों का भोजन (Duck food)
बत्तख के 3 सप्ताह के चूजों को 2700 किलो कैलोरी और 2 फीसद प्रोटीन की जरूरत पड़ती है. वहीं सालभर में एक बत्तख को लगभग 50 से 60 किलो भोजन देना चाहिए. वहीं अंडे देने वाली वयस्क बत्तखों को प्रतिदिन 16 से 18 फीसदी प्रोटीन की जरूरत पड़ती है. जिसकी पूर्ति के लिए इन्हें मक्का के दाने, फल और सब्जियां खिलाई जा सकती है. इसके अलावा बत्तख छोटी मछलियां, कीड़े, मकोड़े खाते हैं. इन्हें गेहूं और अनाज के दाने भी खिलाये जा सकते हैं.
4 से 5 लाख का खर्च
बत्तख पालन के लिए तालाब के साथ शैल्टर का निर्माण करवाया जाता है. यदि आप 1 हजार बत्तख का पालन करते हैं तो इसमें 4 से 5 लाख रूपये का खर्च आता है. बता दें कि तालाब के बगैर बत्तख पालन नहीं किया जा सकता है. वहीं शैल्टर निर्माण के लिए ऐसी जगह चुने जो शांत और एकांत हो. सुबह बत्तख को तालाब किनारे छोड़ दें वहीं रात को इन्हें शैल्टर में रखें. बत्तख को पानी में तैरना बेहद पसंद होता है इसलिए इन्हें सुबह से तालाब में छोड़ दें.
बत्तख पालन से कमाई (Earning from duck farming)
बत्तख का चूजा 6 महीने में अंडे देने के लिए परिपक्व हो जाता है. इस नस्ल की बत्तख से लगातार दो साल तक अंडे लिए जा सकते हैं. यह नस्ल साल में 300 अंडे तक देती है. एक हजार बत्तखों में लगभग 100 नर बत्तख होती है. वहीं 900 मादा बत्तख होती है जिनसे हर दिन 700 से 800 अंडे प्रतिदिन लिये जा सकते हैं. वहीं बत्तख का एक अंडा 8 रूपये में बिकता है. इस तरह हर दिन 5 से 6 हजार के अंडे बेचे जा सकते हैं. वहीं जो बत्तख अंडे नहीं देती है उसे 250 से 300 रूपये में आसानी से बेचा जा सकता है. इस तरह साल में खर्च निकालकर 2 से 3 लाख रुपये की कमाई की जा सकती है.
अधिक जानकारी के लिए यहां संपर्क करें (Contact here for more information)
बत्तख पालन की अधिक जानकारी लेने के लिए बरेली स्थित केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान से संपर्क किया जा सकता है.
वेबसाइट : https://cari.icar.gov.in/
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