- सबसे पहले यह सुनिश्चित करे की पशु किसी बीमारी से ग्रस्त नही है। इसकी जाच कराए, टीबी, जेडी एवं संक्रामक गर्भपात जैसी बीमारिया लाइलाज होती है। इनसे मुक्त होने पर ही पशुओ को खरीदने की सोचे।
- बाजारों अथवा झुग्गियों से पशु खरीदने से बचे। इनमे बीमारी होने के जोखिम अधिक होते हैं।
- पशुओ को परिवहन के दौरान तनाव से बचाएं क्योकि तनाव से रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
- नए ख़रीदे गए पशु के संपर्क में आने के बाद अपने पशु झुंड से रहे।
- नए ख़रीदे गए पशुओ को संगरोध (क्वारंटाइन) अवधि के बाद, तब ही में मिलाए जब वे सभी रोगों (टी बी , जे डी तथा ब्रुसलोसिस) से मुक्त हों तथा उनका टीकाकरण, कृमिनाश तथा चीचड़ मुक्त किया गया हो।
- सभी अन्य पशुओ से दूध दुहने के बाद ही अलग से नए ख़रीदे गए का दूध दुहें।
- संगरोध (क्वारंटाइन) के दौरान नए ख़रीदे गए पशु की उप-नैदानिक नैदानिक थनैला के लिए जांच कराए अगर रोग हो तो उसका उपचार कराए। रोग मुक्त होने पे हे उसे पशु झुंड में शामिल करे।
पशुपालक किसान नए पशुओं की खरीद में सावधानी बरतें
सबसे पहले यह सुनिश्चित करे की पशु किसी बीमारी से ग्रस्त नही है। इसकी जाच कराए, टीबी, जेडी एवं संक्रामक गर्भपात जैसी बीमारिया लाइलाज होती है। इनसे मुक्त होने पर ही पशुओ को खरीदने की सोचे।
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