Poultry Feed Management: देश में पोल्ट्री फार्मिंग काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है, किसान खेती के साथ-साथ मुर्गी पालन करना पंसद कर रहे हैं. बाजारों में अंडे और मांस की अच्छी खासी मांग रहती है. इसके अलावा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पोल्ट्री फार्मिंग को विशेष माना जाता है, क्योंकि यह कई लोगों के लिए कमाई का मुख्य साधन होता है. यह बिजनेस मुनाफा देने वाला है, लेकिन इसके लिए सही तरीके से प्रबंधन और देखभाल करनी बेहद जरूरी होती है. चूजों से लेकर मुर्गियों तक की देखभाल में सही विधि और खानपान के साथ होनी चाहिए, जिससे लागत कम और मुनाफा अधिक हो सकता है.
आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानें चूजों से लेकर मुर्गियों तक की देखभाल के महत्वपूर्ण टिप्स!
पोल्ट्री फार्मिंग में मुख्य खर्च
पोल्ट्री फार्म की सबसे बड़ी लागत चूजों के दाने (फीड) और दवाइयों पर होती है. अगर फार्म की सफाई और देखभाल सही ढंग से की जाए और बायो-सिक्योरिटी का पालन किया जाए, तो दवाइयों की आवश्यकता कम हो जाती है. इससे चूजों की सेहत अच्छी रहती है और फीड का खर्च भी कम होता है.
चूजों की देखभाल के महत्वपूर्ण टिप्स
पोल्ट्री फार्म में चूजों की सही देखभाल के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
1. फार्म की सफाई
- चूजे लाने से पहले फार्म की दीवारों और फर्श पर कीटाणुनाशक दवाओं का छिड़काव करें.
- चूजों के प्रवेश से पहले ब्रूडर की मदद से फार्म में गर्मी पैदा करें.
2. ब्रूडर और चिक गार्ड का उपयोग
- चूजे आने पर ब्रूडर के चारों ओर चिक गार्ड लगाएं.
- 8-10 दिन बाद चिक गार्ड हटा दें ताकि चूजों को घूमने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके.
- ब्रूडर में लालटेन या बल्ब का उपयोग कर उचित गर्मी बनाए रखें.
3. विश्वसनीय हैचरी से चूजे खरीदें
- चूजों को खरीदते समय सुनिश्चित करें कि वे किसी बीमारी से ग्रसित न हों.
- चूजों के स्वास्थ्य की जांच के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें.
4. गर्मी का संतुलन
- यदि ब्रूडर में चूजे एक जगह जमा हो रहे हैं, तो इसका मतलब है कि तापमान कम है.
- बहुत अधिक गर्मी हो तो उसे नियंत्रित करें.
फीड का प्रबंधन
फीड पोल्ट्री फार्मिंग का सबसे महंगा हिस्सा है, इसलिए इसका सही प्रबंधन करना जरूरी है:
1. चूजों का आहार:
- चूजे आने के बाद बारीक दलिया कागज पर डालकर खिलाएं.
- 15 दिन की उम्र के बाद उन्हें छोटी ग्रिट देना शुरू करें.
2. ताजा और संतुलित आहार:
- मुर्गियों को हमेशा ताजा और संतुलित आहार दें.
- बाजार से उनकी उम्र के अनुसार स्टार्टर्स और ग्रोअर फीड खरीदें.
3. फीड का सही स्टोरेज:
- दाने को हमेशा सूखी जगह पर रखें.
- नमी वाली जगह पर फीड रखने से उसमें फफूंद लग सकती है, जो मुर्गियों के लिए हानिकारक है.
- लंबे समय तक फीड स्टोर न करें.
4. मिनरल्स और विटामिन्स का ध्यान:
- मुर्गियों की उम्र के अनुसार उन्हें जरूरी मिनरल्स और विटामिन्स दें.
- एक चूजे को मुर्गी बनने तक लगभग 13 किलो फीड की आवश्यकता होती है.
सफल मुर्गी पालन के टिप्स
- चूजों की सेहत और उनके आहार का विशेष ध्यान रखें.
- बायो-सिक्योरिटी का पालन करें ताकि बीमारियों का खतरा कम हो.
- वैज्ञानिक तरीकों से फार्म का प्रबंधन करें और एक्सपर्ट्स की सलाह लेते रहें.
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