बिहार सरकार ने आंध्र प्रदेश की मछलियों के आयात और निर्यात की बिक्री पर से प्रतिबंध को पूरी तरह से हटा लिया है। दरअसल आंध्र की मछलियों में फॉर्मलीन होने की बात सामने आई थी जिसके बाद से बिहार सरकार ने आंध्र प्रदेश की मछली पर पटना में रोक लगा दी गई थी। आंध्र की मछलियों पर रोक के बाद मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बिहार सरकार को एक पत्र लिखा था और उन्होंने अपने लिखे पत्र में मछलियों में फार्मलीन नहीं होने की बात कही थी। इसके पत्र के बाद बिहार सरकार ने चीफ सेक्रेटरी की अगुवाई में एक कमेटी बनायी थी जिसे आंध्र प्रदेश में जांच के लिए भेजा गया था।
सरकार को सौंपी रिपोर्ट
बिहार की टीम ने वहां के स्थानीय फूड ऑफिसर के साथ मछलियों की जांच की और उसके बाद इसकी जांच रिपोर्ट को सरकार को सौंप दिया था। इस रिपोर्ट के आधार पर बिहार सरकार ने आंध्र प्रदेश की मछलियों पर से रोक हटाने का फैसला किया है। जबसे बिहार में आंध्र प्रदेश से आने वाली मछलियों को बैन किया गया तभी से मछुआरों के व्यवसाय में भारी गिरावट आई है, साथ ही मछुआरों को इसके चलते ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा है।
15 दिन तक लगी रही रोक
दरअसल 14 जनवरी को पटना के नगर निगम क्षेत्र में लोकल और बाहरी दोनों तरह की मछलियों की बिक्री और भंडारण पर बिहार सरकार ने पूरी तरह से रोक लगा दी थी। इन मछलियों में तय मानक से ज्यादा मात्रा में फॉर्मलीन, लेड, कैडमियम और मरकरी की मात्रा के बड़े होने की खबर आई थी. जिसके बाद सरकार ने प्रतिबंध संबंधी खबर बनाया है। मछली विक्रेता संघ के भारी विरोध के बाद सरकार ने चार दिनों के बाद लोकल मछलियों की बिक्री पर से रोक को हटा लिया था लेकिन आंध्र प्रदेश राज्य से आने वाली मछलियों पर प्रतिबंध बरकरार था।
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