
Top 5 Goat Breeds: देशभर में बकरीद की तैयारी बहुत तेजी से चल रही है. इस मौके पर हर जगह बकरों के बाजार लग गए हैं. बकरों को मेहंदी लगाकर, घुंघरू पहनाकर और सुंदर तरीके से सजाकर बेचा जा रहा है. लेकिन इस दौरान अधिकतर लोगों के मन में ख्याल आता है कि सही नस्ल के बकरें और न कोई बिमारी होनी चाहिए. इसकी पहचान कैसे करें. डरिए नहीं आज हम आपके लिए इन सब से जुड़ी अहम जानकारी लेकर आए है.
आइए जानें कि बकरा ईद पर किन नस्लों के बकरों को खरीदना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.
बकरों की 5 टॉप नस्लें
-
जामुनापारी (Jamunapari)
जामुनापारी बकरे भारत की एक प्रसिद्ध और बेहतरीन नस्ल है.जिनका मूल स्थान उत्तर प्रदेश के इटावा इसका शरीर सफेद रंग का होता है, जिसमें कभी-कभी भूरे धब्बे भी होते हैं.नर बकरों का वजन 50 से 100 किलोग्राम तक हो सकता है.
कीमत: 20,000 से 1 लाख रुपये तक है.
-
बीटल (Beeta)
बीटल (Beetal) बकरे भारत और पाकिस्तान की एक प्रसिद्ध नस्ल है, जिसका मुख्य क्षेत्र पंजाब है. बीटल बकरी का शरीर मजबूत, गहरे भूरे या काले रंग का होता है, और इसके कान लंबे और लटकते हुए होते हैं. नर बकरा 50-70 किलोग्राम तक वजन का हो सकता है. और ईद के मौके पर भी इसकी अच्छी मांग होती है.
कीमत: 70,000 से 1.5 लाख रुपए तक
-
बरबरी (Barbari)
बरबरी (Barbari) बकरे भारत की एक लोकप्रिय और छोटी आकार की नस्ल है, जिसका मूल स्थान उत्तर प्रदेश (मेरठ, आगरा) और पंजाब क्षेत्र है.
कीमत: 20,000 से 35,000 रुपए तक.
-
टोता बकरा या चित्तीदार बकरा
भारत के कई राज्यों में पाया जाता है, खासकर जहां बीटल, बरबरी और सिरोही जैसी नस्लें पाली जाती है. ये खासतौर पर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में आम है.
कीमत: 70,000 से 1.5 लाख रुपए तक
-
अलगीरी/पठानी/काली नस्लें
अलगीरी, पठानी और काली नस्लें भारत और पाकिस्तान की प्रमुख बकरे नस्लें हैं, जो मुख्य रूप से मांस उत्पादन के लिए पाले जाते हैं. अलगीरी बकरे हिमालयी क्षेत्र की ठंडी जलवायु में पाए जाते है, यह काले रंग की मजबूत और मांसल होती है.
कीमत: 20,000 से 1.5 रुपये लाख तक
बकरे की सेहत की जांच
- सबसे आंखों की जांच करें कि आंखें साफ, चमकदार और लालिमा रहित हों.
- उसके बाद नाक व मुंह को देखे कि किसी तरह का रिसाव, झाग या बदबू न आ रही हो.
- फिर बकरे की सांसें चेक करे कि सामान्य और नियमित होनी चाहिए, हांफना या खांसना बीमारी का संकेत हो सकता है.
- अतं में त्वचा और बालों की जांच करे कि बाल मुलायम और चमकदार हों, स्किन पर फोड़े-फुंसी, घाव या खुजली न हो.
बकरे को ओवरडाइट देने बचें
ईद या कुर्बानी के मौके पर जब आप बकरा खरीदते हैं, तो ध्यान दें कि बाजार में बेचने वाले अक्सर बकरों को तगड़ा दिखाने के लिए उन्हें पहले से ही खूब खिला-पिलाकर लाते हैं.कई बार तो कुछ लोग बेसन का घोल या केमिकल्स तक इस्तेमाल करते हैं ताकि बकरा मोटा और हट्टा-कट्टा दिखे असल में बेसन बकरे का पेट फुलाता है, लेकिन गर्मी के मौसम में यह नुकसान भी पहुंचा सकता है.और तो और ज़्यादा खाने से उसकी जान भी जा सकती है.
बकरे की डाइट
- बकरों को तय समय पर खाना देना बेहद जरूरी है. इससे उनका पाचन तंत्र सही रहता है.
- गर्मी के मौसम में हरे चारे की मात्रा बढ़ा दें ,इससे शरीर में ठंडक बनी रहती है.
- उनके आहार में चना, चने की चुनी, गेहूं, चोकर, जौ और मिनरल्स शामिल करें ताकि उन्हें भरपूर पोषण मिल सके.
- बकरे के सामने काला नमक और लाहौरी नमक रखें ताकि वो जरूरत अनुसार चाट सके और उसका हाजमा होता रहे.
- साथ ही हरे चारे की व्यवस्था न हो तो सूखे चारे में सप्लीमेंट मिलाकर दें, जिससे पोषण की कमी न हो.
लेखक: रवीना सिंह
Share your comments