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जमुनापरी बकरी पालन में रखें इन बातों का ध्यान, फिर कमाएं अच्छा मुनाफा

बकरी पालन के लिए जमुनापारी नस्ल किसानों के लिए फायदे का सौदा बन रही हैं. किसान भाई खेती के साथ - साथ बकरी पालन व्यवसाय से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. जमुनापारी नस्ल की बकरियों के पालन के लिए कुछ बातों का ध्यान रखें, तो व्यवसाय से अच्छा मुनाफ प्राप्त कर सकेंगे.

स्वाति राव
स्वाति राव
Goat Rearing
Goat Rearing

भारत की लगभग 72.2% जनसंख्या खेती और पशुपालन से अपनी आजीविका चलाती है. पशुपालन से अधिक मुनाफा भी प्राप्त होता है. आज के समय में पशुपालन में बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय उभरकर सामने आ रहा है, जो किसानों की आमदनी को दोगुनी करने में सफल हो रहा है.

इसी कड़ी में आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बकरी पालन (Goat Farming ) करने वाले किसानों को एक ख़ास उन्नत नस्ल की जानकरी देने जा रहे हैं.

 वैसे तो बकरियों की सभी नस्लें बकरी पालन व्यवसाय (Goat Farming Business ) के लिए उचित होती हैं, लेकिन इन्हीं में से एक बकरी की सबसे उन्नत नस्ल जमुनापारी नस्ल, (Jamunapari Breed) है, जो पशुपालकों के लिए मुनाफे का सौदा साबित होती है.

जमुनापारी बकरी की जानकारी (Information Of Jamunapari Goat)

जमुनापारी नस्ल की बकरी मुख्यरूप से उत्तर प्रदेश के इटावा जिले की मूल निवासी होती है. इस नस्ल की बकरियां रंगरूप में बड़े आकार के, लम्बे, बड़े मुड़े हुए लटके हुए कान होते हैं. इनके लंबे पैर होते हैं. इस नस्ल की बकरियों के पिछले हिस्से पर लंबे और घने बाल होते है. वहीं, सींग छोटे सपाट होते हैं. वयस्क बकरी का वजन 65 से 86 किलोग्राम और 45-61 के बीच होता है. इनके मांस की भी अच्छी डिमांड होती है.

इसे पढ़ें -Goat Farming: कैसे करें बकरी पालन की शुरुआत

जमुनापारी बकरी की दूध उत्पादन क्षमता (Milk Production Capacity Of Jamunapari Goat)

जमुनापारी नस्ल की बकरियों की दूध उत्पादन क्षमता औसत 2.25 से 2.7 किलोग्राम प्रति दिन होती है. इसके अलावा जमुनापारी बकरी पालन करने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए.

  • सबसे पहले बकरी पालन के लिए अच्छे शेड का निर्माण करें.

  • शेड निर्माण करते वक़्त जगह का चयन सही होना चाहिए.

  • बिजली, पानी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए.

  • पशुपालन क्षेत्र में बकरियों के घूमने की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए.

  • बकरी पालन के लिए करीब 8 से 12 वर्ग फीट की जगह होनी चाहिए.

  • पोषण से भरपूर चारा खिलाना चाहिए.

  • हरे चारे का सेवन अधिक कराना चाहिए.

  • पीने का पानी साफ होना चाहिए.

  • समय – समय पर बकरियों का टीकाकरण करवाना चाहिए, ताकि रोग और संक्रमण का खतरा न बढ़े.

  • प्रजनन के समय बच्चों और गर्भवती के लिए अतिरिक्त देखभाल करें, जन्म के बाद कई हफ्तों तक बच्चों को उनकी माँ के पास रखें.

English Summary: Earn good profit from Jamunapari goat farming, keep these things in mind in goat rearing of this breed Published on: 09 March 2022, 05:47 IST

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