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#Monsoon 2020: मानसून शुरू होते ही पशुओं में तेजी से फैलता है यह घातक रोग, जानें इसके लक्षण और बचाव

भारत के कई राज्यों में मानसून (Monsoon 2020) की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में किसान जहां फसलों की बुवाई की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें अपने दुधारू पशुओं की भी अधिक देखभाल करने की जरूरत है. ऐसा इसलिए क्योंकि मानसून के शुरुआती दिनों में पशुओं में कई तरह के संक्रमण और बिमारियां हो सकती हैं. इन्हीं में से एक घातक बिमारी गलाघोंटू भी है. यह बीमारी गाय और भैसों में अक्सर पायी जाती है. यह एक जानलेवा संक्रामक बिमारी है जिसमें पशुओं की अकाल मृत्यु हो जाती है.

सुधा पाल
सुधा पाल

भारत के कई राज्यों में मानसून (Monsoon 2020) की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में किसान जहां फसलों की बुवाई की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें अपने दुधारू पशुओं की भी अधिक देखभाल करने की जरूरत है. ऐसा इसलिए क्योंकि मानसून के शुरुआती दिनों में पशुओं में कई तरह के संक्रमण और बिमारियां हो सकती हैं. इन्हीं में से एक घातक बिमारी गलाघोंटू भी है. यह बीमारी गाय और भैसों में अक्सर पायी जाती है. यह एक जानलेवा संक्रामक बिमारी है जिसमें पशुओं की अकाल मृत्यु हो जाती है.

गलाघोंटू बिमारी अगर किसी पशु को हो जाती है तो उसके आसपास रहने वाली दूसरे पशु भी बिमारी की चपेट में आ सकते हैं. ऐसे में पशुपालकों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसलिए यह जरूरी है कि बारिश के दौरान किसान और डेयरी व्यवसाय (DAIRY BUSINESS) से जुड़े सभी पशुपालक अपने पशुओं के स्वास्थ्य पर ध्यान दें. आज हम आपको इस बिमारी के लक्षण के बारे में बताएंगे कि आप किस तरह पहचान सकते हैं कि आपके पशु में इसके संक्रमण हैं या नहीं. इसके साथ ही यह भी बताएंगे कि आप कैसे इस लाइलाज बिमारी से अपनी गाय और भैसों को सुरक्षित रख सकते हैं.

गलाघोंटू (Hemorrhagic Septicemia) बिमारी को घूरखा, अषढ़िया, घोंटुआ नामों से भी जाना जाता है. Pasteurella multocida जीवाणु (बैक्टीरिया) से फैलने वाले इस रोग से ग्रस्त होने पर पशु 1-2 दिन में मर जाता है. ये हैं इस बिमारी के प्रमुख लक्षण-

  • पशु में शुरुआती स्तर पर तेज बुखार (लगभग 104-106 डिग्री) और उनका कांपना

  • पशु के मुंह से अधिक लार निकलना

  • आँखों में लालिमा दिखना

  • पशु के गर्दन में सूजन होना

  • अगर पशु सांस लेता है तो अलग आवाज (घर्र-घर्र) का आना

  • पशु में सुस्ती का दिखाई देना

  • पशुओं का खाना-पीना कम कर देना

अपने पशुओं को गलाघोंटू बिमारी से ऐसे बचाएं ...

अगर किसान या पशुपालक चाहते हैं कि उनका पशु इस बिमारी से सुरक्षित रहे तो वे अपने नज़दीकी पशु चिकित्सालय या पशु चिकित्सक से संपर्क कर सकते हैं. साथ ही पशुओं का सही समय पर टीकाकरण करवा सकते हैं. मानसून आने से पहले भी पशुओं का टीकाकरण करवाया जा सकता है. इसके साथ ही अगर कोई पशु बीमार है, तो उसे बाकी पशुओं के संपर्क में न आने दें.

ये खबर भी पढ़ें: सेहत के लिए वरदान साबित हुआ किचन गार्डन, कुपोषण से मुक्त बच्चें

English Summary: animal husbandry farmers need to protect their dairy cattle from this deadly disease in monsoon 2020 Published on: 09 June 2020, 01:14 IST

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