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उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में गायों की सुरक्षा, देखभाल और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए एक अहम फैसला लिया है. योगी सरकार ने हाल ही में ‘गाय योजना’ को शुरू करने का निर्णय लिया है. इस नई योजना से न केवल गायों की सुरक्षा और देखभाल में सुधार होगा, बल्कि इससे शिक्षा, अनुसंधान और कृषि क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा. सरकार की पहल से आवारा पशुओं की समस्या के समाधान के साथ-साथ पशुपालन को भी मजबूती मिलेगी, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा.
बता दें कि राज्य सरकार की गाय योजना के तहत गायों को शिक्षा, चिकित्सा और अनुसंधान से जोड़ा जाएगा. डेयरी विकास विभाग द्वारा तैयार की गई इस योजना के अनुसार, स्कूलों के पाठ्यक्रम में गायों से जुड़ी शिक्षा को शामिल किया जाएगा.
स्कूलों में होगी ‘गाय शिक्षा’
सरकार ने मथुरा स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय और पशु अनुसंधान संस्थान (DUVASU) को स्कूलों के लिए एक विशेष पाठ्यक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी दी है. यह पाठ्यक्रम तैयार होने के बाद शिक्षा विभाग को भेजा जाएगा, ताकि इसे स्कूलों में आसानी से शामिल किया जा सके.
गौमूत्र और गोबर पर होगा शोध
सरकार ने ‘देशी’ गायों के गौमूत्र को 5 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदने का निर्णय लिया है, जिससे इसका उपयोग चिकित्सा अनुसंधान और आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में किया जाएगा. इसके अलावा, गोबर और गौमूत्र से जुड़े अनुसंधान को भी बढ़ावा दिया जाएगा.
आवारा पशुओं के लिए विशेष योजना
मार्च 2017 में राज्य सरकार ने अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई शुरू की थी, जिसके बाद आवारा मवेशियों की समस्या बढ़ गई. इसे देखते हुए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
- राष्ट्रीय राजमार्गों पर गौशालाओं का निर्माण किया जाएगा.
- राजमार्गों के किनारे घूमने वाले मवेशियों को रेडियम बेल्ट पहनाई जाएगी, ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके.
- आवारा गायों के लिए अभयारण्य बनाने की योजना बनाई गई है. इसके तहत, केंद्र सरकार ने मुजफ्फरनगर में 52 हेक्टेयर भूमि पर 5,000 गायों के लिए गौ-अभयारण्य बनाने के लिए 63 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है.
गौशालाओं का विस्तार और आर्थिक सहायता
उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, राज्य में 7,713 गौशालाओं के माध्यम से 12.43 लाख से अधिक निराश्रित गायों को आश्रय दिया जा चुका है. इसके अतिरिक्त, 543 बड़े गौ-संरक्षण केंद्र बनाए जा रहे हैं, जिनमें से 372 पहले से ही कार्यरत हैं. गायों के बेहतर पालन-पोषण के लिए सरकार ने प्रति गाय रखरखाव भत्ता 30 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये प्रतिदिन कर दिया है. मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत 1.62 लाख गायों की देखभाल के लिए 1.05 लाख लाभार्थियों को 1,500 रुपये प्रति माह की सहायता दी जा रही है.
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