कश्मीरी शहद का काफी बढ़ा बाजार बनने जा रहा है और इस कार्य में खादी ग्रामोद्योग आयोग उनकी मदद करेगा. खादी ग्रामोद्योग ने इस साल कश्मीर में दो लाख रोजगार सृजन करने का भी लक्ष्य रखा है. कश्मीर में बने शहद को दुनियाभर में निर्यात करने की योजना है.
कश्मीर में उत्पादित शहद बिकेगा
केवीआईसी के चैयरमेन वीके सक्सेना के मुताबिक कि कश्मीर में हाईअल्टीट्यूड की तरफ से प्रयास को आरंभ कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि 8 से 9 हजार फीट पर उत्पादित शहद काफी गुणवत्ता वाले होते है और दुनिया के बाजार में उनकी भारी मांग है. उन्होंने कहा कि अभी अमेजन जैसे ऑनलाइन पोर्टल इस प्रकार की ऊंचाई पर निकले 200 ग्राम शहद की कीमत 10 हजार रूपए चल रही है. इस तरह से एक किलोग्राम शहद 50 हजार रूपए में बिकेगा. उन्होंने बताया कि कश्मीर में ऊंचाई पर शहद का उत्पादन आसानी से किया जा सकता है जिसे दुनिया के बाजार में निर्यात किया जा सकेगा. साथ ही केवीआईसी कश्मीर के लोगों की मदद करेगा.
मिट्टी के बर्तनों से लेकर हैंडी क्राफ्ट का निर्माण
सक्सेना का कहना है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने और 35ए के हट जाने के बाद कश्मीर में व्यापार का माहौल के अनुकूल होगा जिससे केवीआईसी शहद उत्पादन के साथ ही कश्मीर के लोगों के लिए मिट्टी के बर्तन,चमड़ा के उत्पादन और हैंडी क्राफ्ट के निर्माण की योजना को भी बना चुकी है. जल्द ही केवीआईसी आने वाले समय में कश्मीर में अपने नए आउसलेट्स को खोल सकता है.
युवाओं को मिलेगा लोन
केवीआईसी जम्मू-कश्मीर में दो लाख रोजगार सृजन के लिए भी विभिन्न प्रकार की स्कीम को चलाने के साथ ही प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत कश्मीर के युवाओं को उद्मशीलता के ले कर्ज भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि शहद की प्रोसेसिंग और अन्य वस्तुओं की प्रोसेसिंग यूनिट को लगाने के लिए केवीआईसी 25 लाख रूपये तक का कर्ज दिया जाता जिस पर 35 फीसद सब्सिडी होती है. साथ ही कश्मीरी महिलाओं को जोड़ने के लिए केवीआईसी की तरफ से ग्रामीण इलाकों में चरखा और अन्य साम्रगी को वितरित किया जाएगा.
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