
Agriculture Equipment Subsidy: राजस्थान के भूमिहीन खेतिहर मजदूरों के लिए राहत भरी खबर है. राज्य सरकार ने ऐसे श्रमिकों की आर्थिक स्थिति को सुधारने और उनकी कार्य कुशलता बढ़ाने के लिए एक नई योजना शुरू की है. इस योजना के तहत भूमिहीन कृषि श्रमिकों को कृषि यंत्र व उपकरण की खरीद पर 5,000 रुपये तक की सब्सिडी (अनुदान) दी जाएगी. यह पहल राज्य सरकार की बजट घोषणा का हिस्सा है, जो सीधे तौर पर जरूरतमंद मजदूरों को लाभ पहुंचाएगी.
किन्हें मिलेगा योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ केवल उन मजदूरों को मिलेगा जो भूमिहीन हैं, यानी जिनके नाम किसी भी प्रकार की कृषि योग्य भूमि दर्ज नहीं है. इसके अलावा, योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी है कि श्रमिक का मोबाइल नंबर और बैंक खाता जन आधार कार्ड से लिंक हो.
चयन प्रक्रिया कैसी होगी?
सरकार ने योजना के लाभार्थियों के चयन के लिए पारदर्शी प्रक्रिया तय की है. प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर एक कमेटी गठित की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता सरपंच करेंगे. इस कमेटी में कृषि पर्यवेक्षक, बीडीओ और पटवारी सदस्य के रूप में शामिल होंगे. इस कमेटी को ग्राम पंचायतवार लक्ष्य दिए जाएंगे. लक्ष्य के अनुसार श्रमिकों का चयन किया जाएगा. महिला श्रमिकों, अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), बीपीएल और अन्य गरीब भूमिहीन श्रमिकों को प्राथमिकता दी जाएगी. जन आधार से एक ही आवेदन स्वीकार किया जाएगा.
आवेदन कैसे करें?
कमेटी द्वारा चयनित श्रमिकों को योजना का लाभ पाने के लिए "राज किसान साथी" मोबाइल ऐप पर जन आधार नंबर से आवेदन करना होगा. आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रशासनिक मंजूरी दी जाएगी. मंजूरी के बाद लाभार्थी को पंजीकृत फर्मों से कृषि यंत्र खरीदना होगा और यह खरीद मंजूरी मिलने के 45 दिन के भीतर करनी होगी. इसके बाद कृषि यंत्र का भौतिक सत्यापन कृषि पर्यवेक्षक और सहायक कृषि अधिकारी द्वारा किया जाएगा. सत्यापन के बाद 5,000 रुपये की सब्सिडी सीधे श्रमिक के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी.
किन यंत्रों पर मिलेगा अनुदान?
इस योजना के अंतर्गत अनेक छोटे और उपयोगी कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी दी जा रही है, जिनमें शामिल हैं:
- वी शेप हेवी रेक कम बंड मेकर
- 12 दातों की रेक माय हैंडल
- उन्नत हैंड हो माय हैंडल
- ट्यूबलर मेज शेलर
- खुरपी (3 ईंची)
- हैंड कल्टीवेटर
- उन्नत सरेटेड सिकल
- मैन्युअल नेपसेक स्प्रेयर (8 लीटर और 16 लीटर)
- प्रेशर बॉटल स्प्रेयर (2 लीटर)
- झाड़ी काटने की कैंची
- घास काटने की मशीन
- ड्रिबलर
- ट्विन व्हील हो
- ग्राउंड नट डिकार्टिकेटर (सिटिंग टाइप)
- ग्राउंड नट स्ट्रिपर
- काटन स्टॉक पुलर (जॉ टाइप)
- सुगरकेन स्ट्रिपर
- फ्रूट हार्वेस्टर
- व्हील बरो
- नवीन डिबलर
- रोटरी डिबलर
- कोनो विंडर
- इटर से कम इंट्रा रो विडर
- ग्रास विड स्लेसर
- कॉटन प्लकर (बैटरी ऑपरेटेड)
- ड्रम सीडर
- स्टबल कटर
- रोटरी मेज सेलर
- सोलर ऑपरेटेड नेपसेक स्प्रेयर
- ग्राम कटिंग मशीन
योजना का उद्देश्य
राजस्थान सरकार की यह योजना न केवल भूमिहीन खेतिहर मजदूरों की आर्थिक मदद करेगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाएगी. छोटे कृषि यंत्रों के जरिए वे कम समय में अधिक और बेहतर काम कर सकेंगे. इससे उनकी आय में इजाफा होगा और जीवन स्तर में सुधार होगा.
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