हरियाणा के किसानों के लिए खुशखबरी है. दरअसल हरियाणा सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhanmantri Fasal Bima Yojana) के तहत खरीफ फसलों का बीमा कराने की समय सीमा को अब बढ़कर 31 जुलाई, 2021 तक कर दिया है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर आप फसल बीमा करवाते हैं, तो उसके प्रीमियम का ज्यादातर हिस्सा केंद्र व राज्य सरकार देती है. जिस वजह से किसानों को बहुत कम पैसा देना होता है. ज्यादातर फसलों पर आने वाले कुल प्रीमियम (Premium) का 1.5 से 2 फीसद तक ही किसान को देना होता है.
PMFBY से किसान कैसे बाहर हो सकता है?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर एक बयान है. दरअसल एक सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए कहा कि यह योजना सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक है, इसलिए यदि कोई ऋणी किसान इस योजना में शामिल नहीं होना चाहता तो वे अपने बैंकों में लिखित आवेदन (Written Application) करके इस योजना से बाहर हो सकता है.
यदि ऋणी किसान स्कीम से बाहर होने के लिए तय की गई सीमा से पहले समबन्धित बैंक में आवेदन नहीं करता है, तो बैंक किसान की फसलों का बीमा (Crop Insurance) करने के लिए अधिकृत होंगे. उन्होंने बताया कि गैर-ऋणी किसान ग्राहक सेवा केन्द्र (Customer Care Centre) या बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि (Insurance Company Representative) से अपनी फसल का बीमा करवा सकता है. यदि कोई किसान पहले से नियोजित फसल को बदलता है, तो उसे अंतिम तिथि से पहले फसल बदलाव के लिए बैंक में जानकारी देनी होगी.
PMFBY के तहत कैसे तय होता है प्रीमियम (How the premium is decided under PMFBY)
दरअसल, प्रीमियम का पैसा हर राज्य और हर जिले में अलग-अलग होता है. इसके अलावा, हर फसल की इंश्योरेंस रकम भी अलग-अलग होती है. इस रकम का निर्धारण जिला तकनीकी समिति की रिपोर्ट पर तय होती है. जो रबी, खरीफ और जायद सीजन से पहले भेजी जाती है. इस रिपोर्ट के आधार पर ही इंश्योरेंस कंपनियां प्रीमियम का पैसा तय करती हैं.
PMFBY के तहत फसलों का प्रीमियम कैसे निकालें? (How to withdraw premium for crops under PMFBY?)
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सबसे पहले https://pmfby.gov.in/ पर जाइए.
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यहां पर आपको इंश्योरेंस प्रीमियम कैल्कुलेटर (Insurance Premium Calculator) का कॉलम दिखेगा.
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इसे खोलने पर आपको छह कॉलम दिखेंगे.
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इसमें सीजन, वर्ष, स्कीम, राज्य, जिला और फसल का कॉलम भरेंगे.
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इसके बाद कैलकुलेट का बटन दबा देंगे. फिर प्रीमियम सामने आ जाएगा.
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हर जिले में भी प्रीमियम अलग-अलग हो सकता है. यह वहां के जोखिम पर निर्भर है.
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