राजस्थान सरकार ने पिछले कुछ समय से प्रदेश की जनता की भलाई के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. इस समय भी सरकार आम जनता की आर्थिक मदद के लिए कुछ न कुछ करती ही रहती है. इसी कड़ी में सरकार ने अब धौलपुर जिले के बाड़ी में विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास एवं लोकार्पण समारोह में नहर परियोजना को बढ़ाने का ऐलान किया है.
ईआरसीपी के लिए 13 हजार करोड़ होंगे खर्च
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद जिले के आम जनता को तो लाभ मिलेगा ही और साथ में इससे किसानों को सबसे अधिक लाभ प्राप्त होगा. मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने समारोह में कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) के कार्य को आगे बढ़ाने पर जोर दे रही है. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि इस परियोजना के चलते धौलपुर समेत लगभग 13 जिलों में पेयजल एवं सिंचाई (Irrigation) जल आपूर्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. इस संदर्भ में उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार को वादा निभाते हुए राज्य में राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देना चाहिए. राज्य सरकार अपने स्तर पर सीमित संसाधनों के माध्यम से सरकारी योजनाओं (Government Schemes) को आगे बढ़ाने का काम कर रही है.
योजनाओं को सुचारु रुप से चलाने के लिए सरकार ने ईआरसीपी के लिए करीब 13 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. यह भी बताया जा रहा है कि सरकार के इस फैसले के बाद से काली तीर लिफ्ट परियोजना का लाभ भी बाड़ी-बसेड़ी क्षेत्र को वृहद स्तर पर मिलना शुरू होगा.
हम पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं। यह परियोजना धौलपुर समेत 13 जिलों में पेयजल एवं सिंचाई जल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है:CM @ashokgehlot51 pic.twitter.com/8nGT1Xkxel
— CMO Rajasthan (@RajCMO) June 15, 2023
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना क्या है?
जैसा कि आप जानते हैं कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (Eastern Rajasthan Canal Project) को हम ईआरसीपी के नाम से भी जानते हैं. देखा जाए तो यह राजस्थान राज्य की अबतक की सबसे बड़ी नहर परियोजना में से एक है. इस योजना का मुख्य कार्य पेयजल और सिंचाई का पानी एकत्रित करना है.
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साथ ही मानसून के समय कई नदियों जैसे कि पार्वती, कालीसिंध, मेज नदी में भी बारिश के पानी को संचयन करना है. इस पानी का इस्तेमाल राज्य के उन इलाकों में करना है, जहां पानी की कमी है. इसके अलावा इसका उपयोग किसानों के खेत में सिंचाई करने के लिए भी किया जाएगा.
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