अभी तक आप बाज़ार से जब आम खरीदते थे तो आपको यह जानकरी होती थी कि आप जिस दूकान से आम खरीद रहे हैं वह आम उस दुकानदार का है. लेकिन अब इस तकनीक के दौर में आप एक कदम और भी आगे के बारे में जान सकेंगें. जी हां अब आप आम को खरीदने से पहले ही उससे संबंधित सभी जानकारियां पहले ही ले लेंगें. बल्कि आपको यहां तक की जानकारी मिल जाएगी की आप जो आम खरीद रहे हो उसका असली मालिक कौन है और वह आम किस बाग़ से लाया गया है.
कैसे पता चलेगा असली मालिक का
अगर आप चाहते हैं कि आप जो भी आम खरीद रहे हैं उसके बारे में आपको पहले ही पूरी जानकारी हो तो अब आपको आम पर लगे हुए एक QR कोड को स्कैन करना होगा और यह कोड स्कैन होते ही उस आम की पूरी जानकारी आपके mobile में आ जाएगी. इस कोड में आम किस जिले का है और किस बाग़ का है यह सभी जानकारियां मालिक के नाम सहित आ जाएंगी.
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किन आमों के लिए शुरू हुई यह स्कीम
भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाला आम दसहरी आम होता है. यह आम भारत में तो खासबसे ज्यादा पसंद किया ही जाता है साथ ही विदेशों में भी इस आम को बहुत पसंद किया जाता है. भारत में उत्तर प्रदेश के लखनऊ के मलीहाबादी आम को जीआई टैग मिला हुआ है और यह दसहरी आम अन्य के आमों की अपेक्षा ज्यादा मीठा और सुगंधित होता है. सरकार ने इस आम की बिक्री के लिए अब क्यूआर कोड के प्रयोग की योजना शुरू की है. जिसकी सहायता से अब इस आम की बिक्री के साथ में आम के सभी जानकारी पहले से ही एकत्र कर ली जाएगी. उसके बाद अगर आप उस QR कोड को स्कैन करते हैं तो आपको उस आम के बारे में सभी जानकारियां प्राप्त हो जायेंगी.
पेड़ों की होगी जिओ टैगिंग
QR कोड का प्रचलन कोई नया काम नहीं है लेकिन पहले यह केवल आम या अन्य फलों की पेटियों पर लगाया जाता था जिससे इनके वास्तविक होने की आशंका बनी रहती थी.
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लेकिन अभी यह काम सीधे तौर पर मलीहाबादी आम के पेड़ों की जिओ टैगिंग करके किया जायेगा. साथ ही सभी फलों को ज्यादा फ्रेश रखने के लिए इन फलों की पैकिंग भी की जाएगी.
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