खेती में उन्नत तकनीक अपनाकर फसल का उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि की जा सकती है. किसान की आय (Farmer income) बढ़ाने के लिए राजस्थान कृषि विभाग (Agriculture Department of Rajasthan) द्वारा जल बचत की योजनाएं चलाई जा रही हैं. वर्षा जल अनमोल है इसकी प्रत्येक बूंद का सदुपयोग करना की हमारा ध्येय होना चाहिए. वर्षा के असमान वितरण के कारण फसल अवधि के मध्य या अंत में सूखे की स्थिति (Drought condition) आ जाती है.
पानी की कमी से फसल में दाना बनने समय या दाना बनने से पहले ही फसल खराब हो जाती हैं. यदि ऐसी स्थिति में फसलों को जीवन रक्षक सिंचाई (Lifesaving irrigation) उपलब्ध करा दी जाए तो किसान अपनी फसल का अच्छा उत्पादन ले सकते हैं. इसलिए इस बहुमूल्य वर्षा जल संसाधन का संरक्षण (Conservation of water resources) तथा कुशल उपयोग (Efficient use) करने पर किसान को अधिक लाभ होता है और वर्षा न होने पर भी सिंचाई की जा सकती है. अतः किसान का ध्यान इस सीमित एवं बहुमूल्य संसाधन के संरक्षण एवं कुशल उपयोग की ओर आकर्षित करना बहुत जरूरी हो गया है. जल के समुचित उपयोग हेतु कृषि विभाग द्वारा निम्न कार्यक्रम क्रियान्वित अथवा चलाये जा रहे-
खेत तलाई निर्माण (Farm pond construction)
यह राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत चलाई जा रही है. इस योजना में राज्य में अधिक गहराई वाले कुओं तथा जल हौज का निर्माण कार्य कर सिंचाई हेतु काम में लिया जाता है. किसान द्वारा कम से कम 400 घन मीटर आकार के कच्चे फार्म पॉन्ड का निर्माण करने पर 60 % अथवा अधिकतम राशि 63 हजार रुपए अनुदान दिया जाएगा. प्लास्टिक लाइनिंग फार्म पॉन्ड निर्माण पर लागत का 60% अथवा अधिक राशि 90 हजार रुपए जो भी कम हो अनुदान देय होगा.
फार्म पॉन्ड योजना की पात्रता (Eligibility of Farm Pond Scheme)
किसान के स्वयं के नाम कम से कम 0॰3 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि होना आवश्यक है. फार्म पॉन्ड निर्माण से पहले एवं कार्य पूर्ण होने पर जियो टैगिंग एवं आधार कार्ड की अनिवार्यता रखी है. फव्वारा या ड्रिप सिंचाई (Drip irrigation) की स्थापना के बाद ही किसान को अनुदान (Subsidy) दिया जाएगा.
डिग्गी निर्माण (Diggy construction)
यह राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत चलाई जा रही है. इसमें राज्य के नहरी क्षेत्र वाले जिलों में डिग्गी का निर्माण किया जा सकता है और सिंचाई सुविधा को बढावा दिया जाता है. किसान द्वारा न्यूनतम 4 लाख लीटर या इससे अधिक भराव क्षमता की पक्की अथवा प्लास्टिक लाइनिंग डिग्गी निर्माण करने पर कुल लागत (Total cost) का 75% अथवा अधिकतम राशि 3 लाख रुपए सब्सिडी के रूप में दिये जायेंगे.
डिग्गी निर्माण योजना की पात्रता (Eligibility of Diggi Construction)
किसान के स्वयं के नाम सिंचित क्षेत्र नहरी कम से कम 0.5 हेक्टेयर भूमि होनी चाहिए. डिग्गी निर्माण से पहले व कार्य पूर्ण होने पर जियो टैगिंग एवं आधार कार्ड की जरूरी है. फव्वारा, ड्रिप या माइक्रो स्प्रिंकलर सिंचाई की स्थापना के बाद ही किसानों को सब्सिडी दी जायेगी.
जल होज निर्माण योजना (Water hose construction scheme)
यह भी राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के तहत चलाई जा रही है. इसमें राज्य में अधिक गहराई वाले कुओं तथा असामयिक विदयूत आपूति वाले क्षेत्र में जल हौज का निर्माण कार्य अथवा नलकूप के जल को हौज में एकत्रित करना काम शामिल है. किसान द्वारा न्यूनतम 1000 घन मीटर आकार का या 1 लाख लीटर भराव क्षमता का जल हौज निर्माण करने पर लागत का 60% अथवा अधिकतम राशि 90 हजार जो भी कम हो सब्सिडी के तौर पर दिया जाएगा.
जल होज निर्माण योजना की पात्रता (Eligibility for Water hose Construction)
किसान के स्वयं के नाम कम से कम 5 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि (Agriculture land) होनी चाहिए. जल हौज निर्माण से पहले और कार्य पूर्ण होने पर जियो टैगिंग (Geo tagging) एवं आधार कार्ड आवश्यक है. फव्वारा या ड्रिप सिंचाई संयंत्र (Drip irrigation system) की स्थापना के बाद ही किसान को अनुदान देय होगा.
सिंचाई पाइप लाईन योजना (Irrigation pipe line scheme)
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY), राष्ट्रीय खादय सुरक्षा मिशन (NFSM) और एनएमओओपी (NMOOP) के अंतर्गत योजना का लाभ उठाया जा सकता है. राज्य के समस्त जिलों में सिंचाई जल की कुशलता एवं उपयोगिता को बढाने हेतु कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसके लिए किसान द्वारा पाइप लाइन स्थापित करने पर लागत का 50% या अधिकतम राशि 50 रुपए प्रति मीटर एचडीपीई पाइप (HDPI pipe) या राशि 35 रुपए प्रति मीटर पीवीसी पाइप (PVC pipe) या राशि 20 रुपए प्रति मीटर ले-फ्लेट ट्यूबपाईप अथवा अधिकतम राशि 15000 रुपए जो भी कम हो सब्सिडी के तौर पर दी जाएगी.
सिंचाई पाइप लाईन योजना की पात्रता (Eligibility for irrigation pipe line scheme)
किसान के स्वयं के नाम कृषि योग्य भूमि, सिंचाई जल स्त्रोत के उपयोग में लिए जा रहे पाईप, खेत में स्थापित किए जाने से पहले व बाद जियो टैगिंग एवं आधार कार्ड अनिवार्य है.
योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज (Documents required to the scheme)
खेत तलाई, डिग्गी निर्माण, जल हौज व पाइप लाइन पर सब्सिडी (अनुदान) लेने के लिए राज किसान साथी पोर्टल http://rajkisan.rajasthan.gov.in/ पर ऑनलाइन आवेदन करें. ऑनलाइन किए जाने वाले आवेदन पत्र के साथ जमाबंदी की नकल आधार कार्ड एवं खुद के खाते की बैंक पास बूक की फोटो कॉपी और सादा पेपर पर शपथ पत्र (Affidavit) कि मेंरे पास कुल सिंचित एवं असिंचित भूमि है, आवश्यक है.
योजनाओं में आवेदन करने की प्रक्रिया (Procedure for applying in schemes)
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इन्टरनेट के माध्यम से किसान नजदीकी नागरिक सेवा केन्द्र/ई-मित्र केन्द्र पर जाकर आवेदन करा सकता है.
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इसके लिए हस्ताक्षरयुक्त मूल आवेदन को भरकर ई-मित्र केन्द्र (e-mitra) जमा कराने के बाद रसीद प्राप्त होगी.
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इस मूल आवेदन पत्र को ऑन-लाईन ई-प्रपत्र (e-Form) में भरना होगा एवं आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड/ भामाशाह कार्ड, जमाबंदी की नकल आदि को स्केन कर अपलोड (Scan & Upload) ई-मित्र के माध्यम से करना होगा.
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भौतिक सत्यापन कृषि विभाग द्वारा किया जाएगा उसके बाद ही सब्सिडी बैंक खाते में आयेगी.
कहां सम्पर्क करें (Where to contact)
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ग्राम पंचायत स्तर पर :- कृषि पर्यवेक्षक (Agriculture Supervisor)
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पंचायत समिति स्तर पर :- सहायक कृषि अधिकारी (AAO)
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उप जिला स्तर पर :- उद्यान कृषि अधिकारी/ सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) (Assistant Director Agriculture- Extension)
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जिला स्तर पर :- उप निदेशक कृषि (विस्तार) / उपनिदेशक उद्यान.
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निशुल्क नम्बर 1800-180-1551 पर बात कर सकते हैं.
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