Fig cultivation subsidy: भारत सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहती है. सरकार किसानों को परंपरागत फसलों के उत्पादन के साथ-साथ व्यापारिक फसलों की खेती के लिए भी प्रोत्साहित करती रहती है. इसी को देखते हुए भारत सरकार ने देश में अंजीर के उत्पादन को बढ़ाने के लिए इसकी खेती को महत्व दे रही है. इससे देश में अंजीर का उत्पादन तो बढ़ेगा ही और साथ में किसानों की आर्थिक हालात भी बेहतर होंगे.
कितना मिलेगा अनुदान
केंद्र सरकार राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत किसानों को अंजीर की खेती में आने वाली लागत पर 50 प्रतिशत का अनुदान दे रही है. राज्य सरकारें अपने राज्य की भूमि, जलवायु व मौसम के आधार पर किसानों को इसकी खेती पर 50 प्रतिशत या उससे अधिक राशि का अनुदान दे रही है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार राज्य की बंजर पड़ी जमीनों को फिर से खेती योग्य बनाने का फैसला लिया है. सरकार किसानों को इन सूखी पड़ी जमीन पर अंजीर की खेती करने वाले किसानों को उनकी लागत का 50 प्रतिशत से अधिक तक का अनुदान देने का निर्णय लिया है. राज्य में बंजर भूमि का क्षेत्रफल काफी बढ़ता जा रहा है, ऐसे में राज्य सरकार का यह निर्णय प्रदेश में खेती योग्य भूमि का क्षेत्रफल बढेगा. देश में अंजीर की खेती राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में की जाती है.
कमाई
अंजीर की खेती कर किसान भाई अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं. एक हेक्टेयर के खेत में 300 से ज्यादा अंजीर के पौधे लगाए जाते हैं. इस समय बाजार में एक किलो अंजीर का दाम 600 से 900 रुपए प्रति किलोग्राम है. इससे किसान भाई आराम से साल भर में 20 से 22 लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं.
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खेती का तरीका
अंजीर की खेती जुलाई और अगस्त के महीने में की जाती है. इसकी रोपाई के लिए कम पानी की जरूरत पड़ती है. इसके पौधों के बीच की दूरी 15 से 20 सेंटीमीटर तक की होती है. आप इसे देशी खाद और उर्वरक के इस्तेमाल से अच्छी पैदावार कर सकते हैं. इसके पौधे को रोपाई के एक से दो सप्ताह के बाद सिंचाई की आवश्यकता होती है.
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