परंपरागत खेती के साथ किसान जैविक खेती को भी अपनाएं, इसके लिए सर्कार की तरफ से कई प्रयास किए जा रहे हैं. इसी के सम्बन्ध में परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक ख़ास खबर सामने आयी है. उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को जैविक खेती के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए हैं. इन्हीं में से एक है सब्सिडी.
किसान जैविक खेती करके अपनी फसल की पैदावार बढ़ाएं और उसकी अच्छी कीमत पाएं, इसके लिए सरकार ने एक घोषणा की है. इसके तहत किसानों को परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत जैविक खेती करने के लिए 75% सब्सिडी (subsidy) दी जाएगी.
24 जिलों के किसानों को मिलेगा लाभ
ख़ास खबर यह है की उत्तर प्रदेश में लगभग 31 हजार एकड़ क्षेत्रफल में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है. इससे 24 जिलों के किसानों को फायदा मिलने वाला है. इसके साथ ही इन जिलों के लगभग 31 हजार किसानों को लाभान्वित इस योजना के ज़रिए सब्सिडी देकर लाभान्वित किया जाएगा.
2020 दिसंबर तक 23,425 वर्मी कम्पोस्ट यूनिट की होगी स्थापना
आपको बता दें कि इस योजना के लिए 620 कलस्टर का चयन किया गया है. वहीं इस जैविक खेती के लिए 2020 में दिसंबर तक 23,425 वर्मी कम्पोस्ट (vermi compost) यूनिट की स्थापना किए हजाने का प्लान किया गया है.
क्या है जैविक खेती?
आपको बता दें कि जैविक खेती (organic farming) कृषि की वह पद्धति है, जिसमें पर्यावरण में स्वच्छ प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखना होता है. इसके लिए भूमि, जल और वायु को प्रदूषित किए बिना दीर्घकालीन और स्थिर उत्पादन लिया जा सकता है. इस पद्धति में रसायनों का उपयोग कम से कम आवश्यकतानुसार किया जाता है. यह पद्धति रसायनिक कृषि की अपेक्षा सस्ती, स्वावलम्बी और स्थाई है. आपको बता दें कि इसमें मिट्टी को एक जीवित माध्यम माना गया है. जैविक खेती के लिए जीवांश जैसे गोबर की खाद (नैडप विधि) वर्मी कम्पोस्ट, जैव उर्वरक एवं हरी खाद का उपयोग भूमि में किया जाना ज़रूरी होता है.
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