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पशुपालकों को मिलेगी 25-33% सब्सिडी और ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर मिलेगा लाभ, जानें पूरी प्रक्रिया

Dr. Bhimrao Ambedkar Kamdhenu Yojana: मध्यप्रदेश सरकार ने पशुपालकों के लिए 'डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना' शुरू की है. इसका उद्देश्य दूध उत्पादन बढ़ाना और पशुपालकों की आय में सुधार करना है. योजना में सब्सिडी, ऋण सुविधा और ऑनलाइन आवेदन की सुविधा है. इच्छुक लाभार्थी प्रशिक्षण लेकर आवेदन कर सकते हैं.

लोकेश निरवाल
लोकेश निरवाल
Bhimrao Ambedkar Kamdhenu Yojana
डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना: दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार की नई पहल (Image Source: Freepik)

Government Scheme: मध्यप्रदेश पशुपालकों के लिए सरकार ने एक बड़ी सौगात दी है. राज्य के पशुपालकों की आय बढ़ाने व उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए ‘डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना’ की शुरुआत की है. इस योजना का उद्देश्य प्रदेश में दूध और दुग्ध उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए उसकी आपूर्ति को सुनिश्चित करना है. साथ ही, राज्य सरकार की यह योजना पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है.

ऐसे में आइए आज के इस आर्टिकल में हम ‘डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना’ (Dr. Bhimrao Ambedkar Kamdhenu Scheme) से जुड़ी हर एक जानकारी यहां विस्तार से जानते हैं...

मुख्यमंत्री उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत होगी योजना की स्थापना

डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना को मुख्यमंत्री उद्यमिता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित किया जाएगा. इसके तहत राज्य में 25 दुधारू पशुओं की इकाईयां स्थापित की जाएंगी. प्रत्येक इकाई में केवल एक ही प्रकार के पशु – या तो सभी गायें या सभी भैंसें होंगी. साथ ही, सभी पशु एक ही प्रजाति के होंगे. योजना के अंतर्गत एक इकाई की अधिकतम लागत 42 लाख रुपये निर्धारित की गई है. इसके लिए हितग्राही को मध्यप्रदेश का निवासी होना अनिवार्य होगा. योजना सभी वर्गों के पशुपालकों के लिए खुली है, लेकिन लाभार्थी की आयु कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए.

प्रशिक्षण अनिवार्य, ऑनलाइन आवेदन

योजना में शामिल होने के लिए इच्छुक पशुपालकों को सरकार अथवा सरकार द्वारा नामित संस्था से डेयरी फार्मिंग/Dairy Farming का प्रशिक्षण लेना होगा. इसके लिए शासन द्वारा जल्द ही अलग से दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे. योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी. आवेदनकर्ता के पास हर इकाई के लिए न्यूनतम 3.50 एकड़ कृषि भूमि होनी जरूरी है. यदि यह भूमि परिवार की साझा है, तो सभी सदस्यों की लिखित सहमति अनिवार्य होगी.

इन पशुपालकों को मिलेगी प्राथमिकता

  • जो पहले से दुग्ध संघों में दूध की सप्लाई कर रहे हैं
  • जो मौजूदा या नए मिल्क रूट पर आते हैं

एक हितग्राही अधिकतम आठ इकाईयां (200 दुधारू पशु) तक ले सकता है. वह अपनी सुविधा अनुसार भैंस, संकर गाय या उन्नत देशी गाय की इकाइयों का चयन कर सकेगा. यदि कोई हितग्राही पहले योजना का लाभ लेकर पूरा ऋण चुका देता है, तो वह दो साल बाद फिर से योजना का लाभ ले सकता है.

सब्सिडी और ऋण सुविधा

इस योजना के अंतर्गत चयनित लाभार्थियों को डेयरी इकाई अधिकतम 7 वर्षों तक संचालित करनी होगी या जब तक ऋण समाप्त न हो जाए.

  • योजना के अंतर्गत सब्सिडी इस प्रकार दी जाएगी:
  • SC/ST वर्ग: परियोजना लागत का 33%
  • अन्य वर्ग: परियोजना लागत का 25%

सब्सिडी एकमुश्त दी जाएगी और इस पर किसी प्रकार का ब्याज नहीं लिया जाएगा. इसके साथ ही, ऋण चार चरणों में वितरित किया जाएगा. दूसरा ऋण केवल तब मिलेगा जब पहले ऋण का पुनर्भुगतान संतोषजनक रूप से किया गया हो.

इस योजना में "पहले आओ, पहले पाओ" के आधार पर चयन किया जाएगा. इससे न केवल पशुपालकों को आर्थिक मजबूती मिलेगी, बल्कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को भी नया आयाम मिलेगा.

English Summary: Dr. Bhimrao Ambedkar Kamdhenu Yojana New initiative of Madhya Pradesh government to promote milk production Published on: 14 April 2025, 03:36 IST

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