सरकारें हमेशा से ही किसानों के हित की बात करती चली आ रही हैं क्योंकि उन्हें पता है कि देश के 130 करोड़ लोगों के खाने-पीने ( कच्चा माल ) की व्यवस्था किसानों के द्वारा ही की जाती है. यदि देश के किसान ही खुश नहीं रहेंगे तो देश भी नहीं खुश रह सकता. यही कारण है कि देश में चाहे जो भी सरकारें आई हैं, उन्होंने हमेशा से किसानों के लिए नई-नई योजनाओं का ऐलान किया है जिससे किसान एक सुखी जीवन जी सके.
इस समय देश में केंद्र और राज्य सरकार मिलकर किसानों के लिए बहुत हितकारी योजनाएं चला रही हैं. उदाहरण के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान आवास योजना, किसान डीजल अनुदान, जल-जीवन हरियाली, कृषि यांत्रिकरण योजना, जैविक खेती अनुदान, कृषि इनपुट अनुदान, आदि प्रमुख हैं. बता दें इन सभी योजनाओं के तहत सरकार किसानों को कुछ सहायता राशि देती है, इस सहायता राशि को सब्सिडी या अनुदान कहा जाता है.
किसानों को अनुदान मिलता कैसे है?
बता दें, किसानों को सरकार द्वारा दी जा रही किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए उससे संबंधित वेबसाइट पर जाकर अथवा ऑफलाइन आवेदन करना पड़ता है. इस आवेदन में सरकार किसानों से योजना में पात्र होने संबंधित जानकारी मांगती है. इस आवेदन के दौरान ही किसान को अपने बैंक खाते की जानकारी भी देनी अनिवार्य होती है. सरकार इसी खाते में डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर के माध्यम से सहायता राशि या सब्सिडी भेजती है.
कैसे जानें आपका खाता आधार से लिंक है या नहीं
यदि आवेदनकर्ता का बैंक खाता सरकार द्वारा जारी आधार से नहीं जुड़ा होगा तो उस आवेदक कर्ता को सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पाएगा क्योंकि डायरेक्ट बेनीफिट के माध्यम में सब्सिडी आधार के जरिए ही भेजी जाती है. यही कारण है आवेदक कर्ता को जांच आवेदन करने से पूर्व जान लेना चहिए कि उसका बैंक खाता आधार से जुड़ा है या नहीं.
यदि आप भी जानना चाहते हैं कि आपका बैंक खाता आधार से जुड़ा है कि नहीं तो आप इस लिंक पर विजिट कर जान सकते हैं :- https://resident.uidai.gov.in/bank-mapper
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