बिहार सरकार शुरू से ही किसानों को खेती करने के लिए प्रोत्साहित करती आ रही है. किसान की सुविधा के लिए कई तरह की योजनाएं आती रहती है, जिसमें से एक है ‘छत बागवानी योजना’. जो भी व्यक्ति छत पर सब्जियों की बागवानी करना चाहते हैं उनके लिए ये योजना काफी फायदेमंद है. इस योजना के लिए सरकार किसानों को या छत पर बागवानी करने वाले लोगों को सब्सिडी दे रही है. बिहार सरकार कृषि विभाग के उद्यान निदेशालय के इस योजना के द्वारा किसानों को 50 प्रतिशत या 25000 रूपये सब्सिडी देने का प्रावधान है. आईये इस लेख के माध्यम से जानते हैं छत बागवानी योजना के बारे में एवं इससे मिलने वाले लाभ के बारे में.
क्या होता है छत पर बागवानी
कई लोग होते हैं जो अपनी छतों पर पौधे लगाने के शौकीन होते हैं. गमलों में कई तरफ के फूल, सब्जियों के पौधे, या शो-प्लांट के पौधे को लगाने को ही छत बागवानी कहते हैं. कई लोग अपनी छत पर ही कई तरह की सब्जियों के पौधे लगाते हैं, जिससे उनको ताजी सब्जियां मिल जाती हैं. इसके लिए पौधे की देखभाल की जरूरत पड़ती हैं. छत पर बागवानी करने के खास फायदे ये भी हैं कि घर के छोटे बच्चे भी बागवानी को समझते हैं. आखिर पौधरोपण कैसे किया जाता है. पौधों की सिंचाई कैसे की जाती है. पौधे में खाद कैसे डाला जाता है इन जैसी बातों वो आसानी से सीख लेते हैं.
क्या है छत बागवानी योजना
खास तौर पर छत बागवानी योजना शहर के लोगों के लिए हैं. साथ ही वो छत पर गमलों को रख कर बागवानी करना पसंद करते हैं, उनके के लिए ये योजना काफी है मददगार साबित हो सकती है. इस योजना के द्वारा बिहार सरकार की तरफ से लाभार्थियों को बागवानी करने के लिए 50 प्रतिशत या कम से कम 25000 रुपये सब्सिडी दे रही है.
छत पर बागवानी के फायदे
छत पर सब्जियों पर बागवानी करने के अनेकों फायदें हैं. सबसे पहले तो रोज मौसमी फलों व सब्जियां ताजी मिल जाएंगी, जिससे की पैसे की बचत भी हो जाएगी. साथ ही साथ छत पर हरियाली रहेगी. शाम व सुबह के समय छत पर हरियाली होने से सकारात्मता रहेगी.
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छत बागवानी में सरकार की तरफ से मिलने वाली सामग्री
छत पर बागवानी करने के लिए सरकार की तरफ से कई तरह की सामग्री मिलेगी, जिसमें 3 पोर्टेबल फॉर्मिंग सिस्टम, 6 फ्रूट बैग, 1 खुरपी, 6 फल के पौधे और भी कई तरह की चीजें सरकार की तरफ से छत बागवानी के दौरान प्रदान की जाएंगी. इस योजना के लाभार्थियों के यहां प्रोजेक्ट लगाने वाली कंपनी जांच और देखरेख करने के लिए समय-समय पर जाती रहेगी. अगर इस प्रोजेक्ट में कोई कमी या परेशानी आएगी तो उसका प्रबंधन भी कंपनी करेगी.
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