बिहार सरकार ने इस साल किसानों के लिए एक बड़ी राहत दी है. दरअसल, राज्य सरकार किसानों को खरीफ मौसम 2020 में अगहनी धान, भदई मक्का और सोयाबीन के लिए फसल सहायता योजना का लाभ देने वाली है.
इस संबंध में सहकारिता विभाग ने अधिसूचना जारी की है. इसका लाभ उठाने के लिए किसान सहकारिता विभाग की वेबसाइट के योजना पोर्टल https://bit.ly/3foKwBw पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है. ध्यान दें कि किसान इस योजना के लिए 31 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं.
क्या है फसल सहायता योजना? (What is Fasal Sahayta Yojana?)
बिहार सरकार ने इस योजना की शुरूआत पिछले साल की गई थी. इसके तहत किसानों को कोई प्रीमियम राशि नहीं देनी पड़ती है. इसके साथ ही बीमा कंपनियां भी कोई भूमिका अदा नहीं करती हैं. राज्य सरकार ने पीएम फसल बीमा योजना की जगह इसको लागू किया है.
बता दें कि राज्य सरकार ने साल 2019 के खरीफ मौसम में धान और मक्का के लिए लगभग 361682 किसानों को लगभग 260.64 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति की है. इस योजना के तहत किसान और उनकी खेती की पूरी जांच पड़ताल के बाद क्षतिपूर्ति राशि दी जाती है.
इन जिलों को मिलेगा फसल सहायता योजना का लाभ (These districts will get the benefit of Fasal Sahayta Yojana)
आपको बता दें कि राज्य सरकार ने धान की फसल के लिए 38 जिलों के 527 प्रखंडों को चुना है. इसमें भागलपुर के नवगछिया, बिदुपुर, गोपलगंज, नारायणपुर, ईस्माइलपुर, रंगरा चौक और खरीक अंचल को शामिल नहीं किया गया है.
इसके साथ ही मक्का की खेती में सभी प्रखंडों को रखा गया है. इसके अलावा सोयाबीन की खेती में बेगूसराय, खगड़िया और समस्तीपुर को जिला स्तरीय पर फसल सहायता योजना का लाभ दिया जाएगा.
कौन कर सकता है फसल सहायता योजना के लिए आवेदन (Who can apply for Fasal Sahayta Yojana)
इस योजना की लाभ उठाने के लिए खेत मालिक, बटाईदार या दूसरे की जमीन पर खेती करने वाले किसान आवेदन कर सकते हैं. बता दें कि फसल कटाई के आधार पर फसल क्षति का आकलन करने के बाद ही क्षतिपूर्ति दी जाएगी.
फिर चाहे फसल 20 प्रतिशत से कम ही क्यों न हो. इस योजना के तहत प्रति हेक्टेयर 7500 रुपए तक की क्षतिपूर्ति दी जाएगी. यानी अगर 20 प्रतिशत से अधिक फसल का नुकसान होता है, तो किसान को प्रति हेक्टेयर लगभग 10 हजार रुपए तक क्षतिपूर्ति की राशि दी जाएगी.
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