देश में मौसम के अनुसार फसलों की खेती होती है. फिलहाल, किसान खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई में जुटे हुए हैं. इस कड़ी में बिहार के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी गई है. दरअसल, राज्य सरकार की तरफ से किसानों के हित में फसल सहायता योजना लागू की गई है. इस योजना का लाभ खरीफ सीजन 2020 में अगहनी धान, भदई मक्का और सोयाबीन के लिए दिया जाएगा.
क्या है फसल सहायता योजना?
इस योजना के तहत किसानों को कोई प्रीमियम राशि नहीं देनी पड़ती है. इसके साथ ही बीमा कंपनियां भी कोई भूमिका अदा नहीं करती हैं. माना जाता है कि राज्य सरकार ने पीएम फसल बीमा योजना की जगह इसको लागू किया है. इस योजना के तहत किसान और उनकी खेती की पूरी जांच पड़ताल के बाद क्षतिपूर्ति राशि दी जाती है. बता दें कि इसके तहत प्रति हेक्टेयर 7500 रुपए तक की क्षतिपूर्ति दी जाती है. यानी अगर 20 प्रतिशत से अधिक फसल का नुकसान होता है, तो प्रति हेक्टेयर लगभग 10 हजार रुपए तक भुगतान किया जाएगा.
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कौन करता है आवेदन?
इस योजना का लाभ खेत मालिक, बटाईदार या दूसरे की जमीन पर खेती करने वाले किसान उठा सकते हैं. बता दें कि फसल कटाई के आधार पर फसल क्षति का आकलन करने के बाद ही क्षतिपूर्ति दी जाएगी. फिर चाहे फसल 20 प्रतिशत से कम ही क्यों न हो.
ऐसे करें आवेदन
इसका लाभ उठाने के लिए किसान सहकारिता विभाग की वेबसाइट के योजना पोर्टल http://cooperative.bih.nic.in/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है. ध्यान दें कि किसान इस योजना के लिए 31 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं.
अन्य जानकारी
भागलपुर के नवगछिया, बिदुपुर, गोपालगंज, नारायणपुर, ईस्माइलपुर, रंगरा चौक व खरीक अंचल के धान के लिए यह योजना नहीं है. वैसे धान के लिए 38 जिलों के 527 प्रखंडों को चुना गया है. मक्का सभी प्रखंडों के लिए है, तो वहीं सोयाबीन बेगूसराय, खगड़िया और समस्तीपुर के जिला स्तरीय फसल के रूप में होगी.
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