फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के साथ कम लागत में खेती करने के लिए सरकार देश के सभी किसानों को प्रतिवर्ष अनुदान पर बीज मुहैया करता हैं. किसान भी सरकारी बीजों की गुणवत्ता पर भरोसा करते हैं. सब्सिडी अधिक होने के चलते इस बार किसानों का रुझान सरकारी बीज की तरफ बीते साल के अपेक्षा कुछ ज़्यादा ही है. अक्टूबर से ही किसानों ने बीज खरीदना शुरू कर दिया था और अब भी बीज की मारामारी मची हुई है.
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 2022 तक देश के सभी किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसी कड़ी में सरकार भी किसानों को उन्नत प्रजाति के बीज कम कीमत पर उपलब्ध करा रही है. इस बार गेहूं के बीज पर शासन ने 60 प्रतिशत अनुदान दिया है. सामान्य गेहूं के बीज का दाम 3280 रुपये प्रति क्विंटल है. इस पर 60 प्रतिशत सब्सिडी डीबीटी के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में भेज दी जाती है. अच्छी प्रजाति के बीज और अच्छा अनुदान मिलने की वजह से किसान भी इसकी खूब खरीदारी कर रहे है. इस वजह से इन दिनों गेहूं-बीज के सरकारी गोदामों पर मारामारी मची हुई है. यूपी के मुजफ्फरनगर जिला के अपर जिला कृषि अधिकारी सुभाष चंद रोहेला का कहना है कि सरकारी बीज पर किसानों का भरोसा बढ़ा है. बीज अच्छी प्रजाति के हैं तथा अनुदान भी अच्छा है. इसलिए किसान प्राइवेट दुकानों से बीज न खरीदकर सरकारी स्टोर से ले रहे हैं.
उपलब्ध गेहूं की प्रजातियां
कृषि विभाग के पास प्रमाणित बीजों में डीबीडब्ल्यू 107, 90, 71, 1105, पीबीडब्ल्यू 550, 17, 621-50, एचडी 2967, 3086, पीबीडब्ल्यू 644, 1105 तथा आधारीय बीजों में एचडी 2967 व डीबीडब्ल्यू 621-50 प्रजातियां उपलब्ध हैं. यह सभी प्रजातियां दस साल तक की अवधि की हैं.
विवेक राय, कृषि जागरण
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