आधुनिक युग में खेती करना आसान हो गया है, क्योंकि आज किसानों के पास खेती से जुड़े सभी पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं, जिसने खेती को आसान बना दिया है. खेतीबाड़ी से किसान घर बैठे आसानी से हर मौसम के फसल की खेती (Crop Farming) कर मुनाफा कमा सकते हैं, लेकिन क्या अपने कभी गरमा फसल के बारे सुना है?
अगर नहीं, तो आज इस लेख में आपको गरमा फसल (Garma Crop) के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी खेती कर आपको काफी मुनाफा मिल सकता हैं.
गरमा फसल क्या होती है? (What is Garma Crop)
गरमा फसलें मई –जून में बोयी जाती हैं और जुलाई-अगस्त में काट ली जाती हैं. गरमा फसल में राई, मक्का, ज्वार, जूट और मडुआ आदि शामिल हैं. इनकी खेती से किसानों को अधिक लाभ मिलता है. बिहार में गरमा फसल को लेकर इसकी खेती की तैयारी शुरू हो गयी है. कृषि विभाग राज्य के किसानों को प्रोत्साहित कर रही है.
गरमा फसल के लिए कृषि विभाग ने की तैयारी (Agriculture Department Made Preparations For Garma Crop)
वहीँ गरमा फसल को बढ़ावा देने के लिए बिहार के भागलपुर के कृषि वैज्ञानिकों ने तैयारी शुरू कर दी है. कृषि विभाग की तरफ से गरमा फसल के बीजों का वितरण कार्यक्रम भी शुरू हो गया है. यह वितरण कार्यक्रम 20 फरवरी तक बीज वितरण किया जायेगा.
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अनुदानित दर पर उपलब्ध हुए बीज (Seeds Available At Subsidized Rate)
गरमा फसल का बीज किसानों को अनुदानित दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है. गरमा फसल के बीज में मूंग, उड़द, मक्का और सूरजमुखी का बीज आया है.
सूरजमुखी का बीज पहले नहीं आता था. इस साल से ही सूरजमुखी का बीज वितरण शुरू किया गया है. गरमा फसल की खेती रबी और खरीफ के बीच के मौसम में की जाती है. किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि विभाग गरमा फसल पर ज्यादा जोर दे रहा है, ताकि किसानों को तीन चक्र में फसल मिल सके.
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