तरबूज को जायद सीजन/Zaid Season की मुख्य फसल माना जाता है. भारत के कई राज्यों में तरबूज की खेती की जाती है. देखा जाए तो गर्मियों के मौसम में तरबूज की मांग काफी अधिक होती है. ऐसे में अगर किसान समय रहते अपने खेत में तरबूज की खेती/ Tarbooj Ki Kheti करते हैं, तो वह कम समय में ही अधिक से अधिक कमाई कर सकते हैं. इसी क्रम में आज हम किसानों के लिए तरबूज की उन्नत किस्मों की जानकारी लेकर आए हैं, जो प्रति हेक्टेयर 200-250 क्विंटल उत्पादन देने में सक्षम है.
तरबूज की जिन उन्नत किस्मों की हम बात कर रहे हैं, वह शुगर बेबी, अर्का ज्योति, आशायी यामातो, डब्यू.19 और पूसा बेदाना किस्म है. आइए तरबूज की इन उन्नत किस्मों/varieties of watermelon के बारे में विस्तार से जानते हैं...
तरबूज की टॉप 5 उन्नत किस्में/ Top 5 Varieties of Watermelon
तरबूज की शुगर बेबी किस्म- तरबूज की यह उन्नत किस्म 95-100 दिनों के अंदर पककर तैयार हो जाती है. इसके एक फल का औसत भार करीब 4-6 किलोग्राम पाया जाता है. वहीं, तरबूज की शुगर बेबी किस्म के फलों में बीज काफी कम पाए जाते हैं. किसान इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 200-250 क्विंटल तक उपज प्राप्त कर सकते हैं.
तरबूज की अर्का ज्योति किस्म - इस किस्म के तरबूज के फल का भार 6-8 किलोग्राम होता है. किसानों के लिए तरबूज की अर्का ज्योति किस्म काफी लाभदायक होती है, क्योंकि इसके फलों का भंडारण काफी अधिक होता है. इसके अलावा किसान इस किस्म से प्रति हेक्टेयर लगभग 350 क्विंटल तक उत्पादन पा सकते हैं.
तरबूज की आशायी यामातो किस्म - तरबूज की आशायी यामातो किस्म जापानी किस्म है. इसके फलों का औसत भार 7-8 किलोग्राम होता है. वहीं, इस किस्म के फलों का छिलका हरा और धारीदार होता है. इस किस्म के तरबूज में बीज काफी छोटे पाए जाते हैं. किसान आशायी यामातो किस्म से प्रति हेक्टर 225 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.
तरबूज की डब्यू.19 किस्म - तरबूज की इस किस्म की सबसे अच्छी खासियत यह है कि यह उच्च तापमान भी सरलता से सहन कर सकती है. डब्यू.19 किस्म के तरबूज का स्वाद काफी मीठा होता है. तरबूज की यह किस्म खेत में 75-80 दिनों में तैयार हो जाती है. इस किस्म से किसान प्रति हेक्टेयर 46-50 टन तक उपज प्राप्त कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें: किसान फरवरी माह में तरबूज की खेती कर कमाएं ज्यादा मुनाफा
तरबूज की पूसा बेदाना किस्म- तरबूज की इस किस्म के फल खाने में काफी मीठे होते हैं. इसके फलों में गूदा गुलाबी और अधिक रसदार होता है.पूसा बेदाना किस्म 85-90 दिन में फल देने लगती है.
Share your comments