1. Home
  2. खेती-बाड़ी

1 लाख रूपए के निवेश पर 2 लाख रुपए तक का मुनाफा पाने के लिए करें इस तकनीक से खेती

दुनियाभर में शहरों का विस्तार तेजी से हो रहा है. जिसके चलते अर्बन फार्मिंग (Urban Farming) का चलन में भी समय के साथ -साथ वृद्धि हो रही है. लोग घर की छतों पर या कार पार्किंग में या फिर जहां आस-पास खाली जगह मिलती है वहां अब सब्जियों की खेती कर रहें हैं. यह खेती एक खास तकनीक के द्वारा संभव हो सकती है.

मनीशा शर्मा

दुनियाभर में शहरों का विस्तार तेजी से हो रहा है. जिसके चलते अर्बन फार्मिंग (Urban Farming) का चलन में भी समय के साथ -साथ वृद्धि हो रही है. लोग घर की छतों पर या कार पार्किंग में या फिर जहां आस-पास खाली जगह मिलती है वहां अब सब्जियों की खेती कर रहें हैं. यह खेती एक खास तकनीक के द्वारा संभव हो सकती है. जिसमें सिर्फ 200 वर्ग फुट जगह पर आसानी से सब्जियां उगाई जा सकती हैं. इस तकनीक द्वारा आप लगभग 1 लाख रुपए का वन टाइम निवेश से आप सालाना 2 लाख रुपए तक की सब्जियां घर बैठे उगा सकते हैं.

मिट्टी के बिना होगी खेती

अगर आप इस तकनीक का इस्तेमाल करते है तो इसके लिए आपको मिट्टी की आवश्यकता नहीं पड़ती. इस तकनीक से पौधों को देने वाले जरूरी पोषक तत्वों को पानी के मदद से सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है. इस तकनीक को अंग्रेजी भाषा में 'हाइड्रोपोनिक' कहा जाता है.

इसमें पौधे को एक मल्टी लेयर फ्रेम के सहारे टिके पाइप में उगाया जाता हैं और पाइप के अंदर पौधों की जड़ों को पोषक तत्वों से भरे पानी में रख दिया जाता है. इस हाइड्रोपोनिक तकनीक को कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है. आप इस सिस्टम को खुद भी तैयार कर सकते हैं.

इस तकनीक का फायदा

इस तकनीक के जरिए किसान ऐसे सब्जियों का उत्पादन करते हैं जिसकी मार्केट में कीमत ज्यादा होती है. इस तकनीक में पानी, फर्टिलाइजर और कीटनाशक की खपत भी करीब 50- 80 फीसद तक कम हो जाती है.

पैदावार में बढ़ोतरी

इस तकनीक द्वारा पैदावार में 3 से 5 गुना तक बढ़ोतरी होती है. इसमें शुरुआती खर्च ज्यादा होता है. हालांकि बाद में इसकी लागत कम होने से मुनाफा बढ़ जाता है.

कई देशों में किसान तो अपने घरों की छत,  मॉल, यहां तक की ऑफिस की छतों पर भी टेरेस गार्डन बना रहे हैं. आप भी इस हाइड्रोपोनिक तकनीक को सीख कर अपनी खुद की कंपनी स्थापित कर सकते हैं या फिर किसी स्थापित कंपनी के साथ जुड़ कर दूसरे लोगों को इस तकनीक के बारे में सीखा सकते हैं.

इसके लिए किसानों को पॉलिहाउस या नेट शेड पर ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है. इस सिस्टम का खर्च वन टाइम है लेकिन शेड के रखरखाव का खर्च लागत को बढ़ा सकता है. आपका खेत जितना ज्यादा बड़ा होगा आपका खर्च भी उतना ज्यादा आएगा. फसल पर तापमान, कीट जैसी कई बातों का भी प्रभाव पड़ता है. ऐसे में फसल की उपज के लिए खेती की थोड़ी जानकारी और उस हिसाब से पौधों की देखभाल और बदलाव की जरूरत पड़ती हैं.

परंपरागत खेती से ज्यादा फायदेमंद

इसका रिटर्न इस बात पर निर्भर होता है कि आप जो फसल उगा रहे हैं उसकी गुणवत्ता और बाजार में  उसकी कीमत क्या है. उसकी बेहतर कीमत जानने के लिए थोड़ी मार्केटिंग स्किल्स भी होना जरूरी है. इस हाइड्रोपोनिक तकनीक में परंपरागत खेती के मुकाबले फायदा और मार्जिन ज्यादा है.

English Summary: This technique of farming is more beneficial than traditional farming, you will get 2 lakh profit on 1 lakh investment Published on: 06 April 2020, 04:51 PM IST

Like this article?

Hey! I am मनीशा शर्मा. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News