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केंचुआ खाद बनाते समय बरतें ये सावधानियां, नहीं तो हो जाएगी मेहनत बेकार

बहुत प्राचीन समय से केंचुओं को खाद के रूप में उपयोग किया जाता रहा है. किसान भाई इसे भूमि का मित्र एवं आंत कहते हैं. भूमि में आर्गेनिक पदार्थों, ह्यूमस और मिट्टी को एकसार करने में इसका कोई मुकाबला नहीं है. विशेषज्ञों के मुताबिक जलधारण की क्षमता बढ़ाने एवं भूमि में पाए जाने वाले स्फूर (फास्फोरस) और पोटाश आदि को बढ़ाने में भी यह सहायक है.

सिप्पू कुमार

बहुत प्राचीन समय से केंचुओं को खाद के रूप में उपयोग किया जाता रहा है. किसान भाई इसे भूमि का मित्र एवं आंत कहते हैं. भूमि में आर्गेनिक पदार्थों, ह्यूमस और मिट्टी को एकसार करने में इसका कोई मुकाबला नहीं है. विशेषज्ञों के मुताबिक जलधारण की क्षमता बढ़ाने एवं भूमि में पाए जाने वाले स्फूर (फास्फोरस) और  पोटाश आदि को बढ़ाने में भी यह सहायक है.

वर्मी कम्पोस्ट

केंचुओं से जो विष्ठा प्राप्त होती है उसे ही वर्मी कम्पोस्ट कहा जाता है. यह एक प्राकृतिक जैविक उत्पाद है, जो खेती, वातावरण एवं स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है. विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी अन्य खाद के मुकाबले यह एक जटिल जैव-उर्वरक है, जो अधिक उपयुक्त एवं पोषक तत्वों से भरा हुआ होता है.

वर्मी कम्पोस्ट का महत्व

वर्तमान समय में उत्पादन को बढ़ाने के लिए बिना किसान भाई बिना विचार किए असंतुलित ढंग से रासायनिक उर्वरको, रासायनिक कीटनाशकों और खरपतवारों का प्रयोग कर रहे हैं. यही कारण है कि भूमि की गुणवत्ता दिन-प्रतिदिन हृास होती जा रही है. ऐसे में इन सभी समस्याओं के उपाय के लिए केंचुआ खाद की महत्वता बढ़ गई है. किसान भाई आज केंचुआ खाद बनाने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं. लेकिन देखने में आता है कि जानकारी के अभाव में उनकी मेहनत बेकार हो जाती है. इसलिए आज हम आपको यहां इसे बनाते वक्त सावधानियों के बारे में बताने जा रहे हैं.

सावधानियां

केंचुआ खाद बनाते समय ध्यान रहे कि टैंक का निर्माण छायादार स्थान पर किया जाए. आप चाहे तो शेड बनाकर भी यह काम कर सकते हैं. केंचुए अक्सर जमीन के नीचे घुस जाते हैं, ऐसे में आपकी सारी मेहनत बेकार हो सकती है. इसलिए ध्यान रहे कि टैंक का तल अधिक सख्त होना चाहिए. इसके साथ ही टैंक में ढ़लान का होना जरूरी है, क्योंकि अधिक पानी केंचुओं के लिए सही नहीं है. अनावश्यक जल को निकालने में ढलानदार टैंक सहायक है. केंचुओं को खाने चींटी, कीड़े-मकोड़ों, मुर्गियों एवं पक्षियों से बचाने की जरूरत है. खाद बनाने वाले मिट्टी से कांच, पत्थर, प्लास्टिक आदि को निकाल दें.  इसके साथ ही अत्यधिक धूप से भी इनका बचाव करना चाहिए.

उचित भोज्य पदार्थ

केंचुआ खाद बनाने के लिए गोबर, घास, पुआल, पेड़-पौधों के उपशिष्ट आदि की जरूरत है. इन सभी को छायादार स्थान में ढेरी बनाकर सड़ाने का काम करें. घास व गोबर से मिक्सचर पदार्थ को हर कुछ दिन में पलटना चाहिए. वैसे केंचुआ खाद बनाने के तरीको और न्यूनतम आवश्यकताओं के बारे में आप कृषि जागरण के इस लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं.

English Summary: things you should keep in your mind when you are making Vermicompost Published on: 06 April 2020, 05:21 PM IST

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