भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सरकार ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाने हेतु एक प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र को भेजा गया जो वहां 3 मार्च 2021 को प्राप्त हुआ था। भारत द्वारा प्रस्तुत इस प्रस्ताव का विश्व के 72 देशों ने समर्थन दिया। संयुक्त राष्ट्र संघ की सामान्य सभा ने प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की गई। इसके लिए 8 मिलेट्स को चिन्हित किया गया है जिसमें ज्वार, बाजरा, रागी, कोदों, कुटकी, कंगनी, चीना, सांवा आदि सम्मिलित हैं।
राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात तथा मध्य प्रदेश सामूहिक रूप से भारत के कुल राष्ट्रीय मिलेट्स उत्पादन में 60 प्रतिशत से अधिक का योगदान करते हैं। भारत में ज्वार, बाजरा, रागी, कंगनी, चीना, कोदों, सावां/झंगोरा, कुटकी, कुट्टू तथा चौलाई/रामदाना सहित लगभग 16 प्रकार के मिलेट्स का भरपूर उत्पादन हो रहा है। केंद्रीय कृषि मंत्री, नरेंद्र सिंह तोमर ने हाल ही में ज़ोर देते हुए कहा था कि गेहूं एवं चावल की तरह ही मिलेट्स को भी भोजन की थाली में सम्मानजनक स्थान दिलाना ही होगा, तभी देश तथा विश्व में इन पोषक अनाजों को बढ़ावा दिया जा सकेगा।
मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए सुदृढ़ रणनीति के अंतर्गत, भारत सरकार विदेशों में भारतीय दूतावासों को भारतीय मिलेट्स की ब्रांडिंग तथा प्रचार-प्रसार करने, अंतर्राष्ट्रीय शेफ़्स की पहचान करने के साथ-साथ संभावित क्रेताओं जैसे डिपार्टमेंटल स्टोर्स, सुपर मार्केट्स तथा हाइपर मार्केट्स को व्यापार से व्यापारिक बैठकें आयोजित करने तथा सीधे टाई–अप करने की सलाह दी है। इसके अतिरिक्त, भारत में लक्षित देशों तथा आयातकों के विदेशी दूतावासों के राजदूतों को खाने के लिए तैयार मिलेट उत्पादों सहित विभिन्न मिलेट आधारित उत्पादों की शोकेसिंग तथा व्यापार बैठकें आयोजित करने हेतु आमंत्रित करने के लिए कहा गया है।
उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के साथ 16 अन्य देशों में भारतीय मिलेट्स जो पोषक तत्वों के प्रचुर स्त्रोत होने के साथ-साथ विशेष स्वाद के लिए जाने जाते हैं, इसको वैश्विक मंच प्रदान करने के लिए विभिन्न मिलेट प्रोत्साहन कार्यक्रम आयोजित करेगा। एपीडा छोटे स्तर पर तथा लक्ष्य वाले देशों के प्रमुख स्थानीय बाज़ारों में फूड सैंपलिंग तथा परीक्षण कराएगा जहां व्यक्तिगत रूप से उपभोक्तागण भारतीय मिलेट उत्पादों से परिचित हो सकें।
एपीडा दक्षिण अफ्रीका, दुबई, जापान, दक्षिण कोरिया, इन्डोनेशिया, सऊदी अरब, आस्ट्रेलिया, बेल्जियम, जर्मनी, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा यूनाइटेड किंग्डम में मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए कुछ उल्लेखनीय फूड शोज, क्रेता-विक्रेताओं की बैठकें तथा रोड शोज में भारतीय हितधारकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए योजनाएं बनाएगा। एपीडा ने गुलफूड 2023, फूडेक्स, सिओल फूड एंड होटल शो, सऊदी एग्रो फूड, सिडनी (आस्ट्रेलिया) में आयोजित फाइन फूड शो, बेल्जियम के फूड एंड बेवरेजेज़ शो, जर्मनी के बायोफैक तथा एनुगा फूड फेयर, सैन फ्रांसिस्को के विंटर फ़ैन्सी फूड शो इत्यादि जैसे विभिन्न वैश्विक मंचों में मिलेट्स को प्रोत्साहित करने के विभिन्न क्रिया-कलापों को आयोजित करने की योजना बनाई है।
मोटे अनाज में कैल्शियम, लौह तत्व तथा रेशे प्रचुर मात्रा में होते हैं जो बच्चों में स्वास्थ्य वृद्धि करने हेतु आवश्यक पोषक तत्वों के जैव संवर्धन हेतु परम आवश्यक हैं। आज शिशु आहार तथा पोषक उत्पादों में मिलेट्स का प्रयोग लगातार बढ़ रहा है। इसी प्रकार कई अन्य खनिज लवण भी मिलेट्स प्रचुरता में पाए जाते हैं जो मानव शरीर में रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने हेतु अत्यंत आवश्यक होते हैं। मिलेट्स अथवा पोषक अनाजों में गेहूं एवं चावल की तुलना में रेशा, कैल्शियम, फास्फोरस तथा लौह तत्वों की मात्रा अधिक होती है। इसी प्रकार विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन-ए और विटामिन-ई भी मिलेट्स में प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं जबकि गेहूं एवं चावल में विटामिन- ई, विटामिन-बी 5, विटामिन-बी 6 की मात्रा लगभग नगण्य ही रहती है। मिलेट्स का पोषक मान गेहूं एवं धान जैसी प्रमुखता से उत्पादित की जा रही धान्य फसलों के पोषक मान से कहीं अधिक होता है। इनका उपयोग करेंगे, तो आप स्वस्थ्य रहेंगे यानी मोटे अनाज सेहत के लिए बेहद लाभकारी होते हैं। मोटे अनाज में पोषक तत्वों का खजाना होता है और इनका नियमित मौसम के अनुसार सेवन आपको सेहतमंद रखने में काफी मददगार साबित होगा। मोटे अनाज के सेवन से शरीर को मिलने वाले आवश्यक पोषक तत्वों संबंधी जानकारी का विवरण इस प्रकार से हैं।
कोदों
कोदों में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं। नेचर बायो फूड्स डॉट ऑर्गेनिक के अनुसार इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है और ये वसा का भी एक उत्तम स्रोत है। इसे खाने के बाद काफी देर तक भूख का एहसास नहीं होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ फास्फोरस भी काफी मात्रा में होता है।
रागी
रागी सेहत के लिए बेहद लाभकारी होती है। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन और विटामिन भरपूर मात्रा में होते हैं। रागी का सेवन वजन घटाने में कारगर साबित होता है, क्योंकि इसे खाने के बाद काफी देर तक भूख नहीं लगती है। इसमें पाचक रेशा भी काफी होता है।
चीना
चीना के सेवन के कई फायदे होते हैं। ये मोटा अनाज खनिज लवण से भरपूर होता है और इसमें काफी पाचक रेशा पाया जाता है। चीना एक ग्लूटेन मुक्त मोटा अनाज है। इसे खाने से पोषक स्वास्थ्य प्रणाली को समर्थन मिलता है।
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कंगनी
कंगनी पोषक तत्वों से भरपूर मोटा अनाज है। इसका सेवन करने से खून में चीनी की मात्रा को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है। इसके साथ ही इसमें मौजूद तत्व वजन को घटाने में भी मदद करते हैं। दिल की सेहत को दुरुस्त रखने में भी कंगनी का सेवन मदद कर सकता है। इसमें कम ग्लाइसेमिक सूचकांक होता है।
डॉ. रामगोपाल
कृषि विज्ञान केन्द्र, अम्बेडकरनगर
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