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कोरोना काल में किनोवा की खेती बनी फायदेमंद, 200 प्रति किलो बिक रहा है

वैश्विक महामारी कोरोना का प्रकोप पूरी दुनिया में बढ़ता ही जा रहा है. अभी तक इसकी वैक्सीन ईजाद नहीं हो पाई है. लेकिन दुनियाभर के डॉक्टर कोरोना से बचाव के लिए शरीर की इम्युनिटी को बेहतर रखने की सलाह दे रहे हैं.

श्याम दांगी
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वैश्विक महामारी कोरोना का प्रकोप पूरी दुनिया में बढ़ता ही जा रहा है. अभी तक इसकी वैक्सीन ईजाद नहीं हो पाई है. लेकिन दुनियाभर के डॉक्टर कोरोना से बचाव के लिए शरीर की इम्युनिटी को बेहतर रखने की सलाह दे रहे हैं. इम्युनिटी बढ़ाने में किनोवा  अनाज लाभदायक साबित हो रहा है. यही वजह है कि मध्य प्रदेश के एक किसान ने कोरोनाकाल में किनोवा  का महत्व देखते हुए इसकी खेती शुरू कर दी है.

किनोवा के गुण

मध्य प्रदेश के धार स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. केएस किराड़ का कहना है कि किनोवा  शुगर मुक्त होने के साथ साथ प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, जिंक, मैग्नीशियम, आयरन, पौटेशियम, फास्फोरस और एंटी आक्सीडेंट तत्वों से भरपूर होता है. किनोवा  में 13 प्रतिशत तक जिंक होता है. कुपोषण से लड़ने में किनोवा  अनाज अहम भूमिका निभा सकता है. डा. किराड़ ने बताया कि किनोवा  अनाज को साल 2013 में इंटरनेशनल ईयर आफ किनोवा  घोषित किया था.

kinoa

ऐसे बढ़ाता है इम्युनिटी

डॉ.  दीपक नाहर का कहना है कि कोरोना से बचाव में एंटी ऑक्सीडेंट महत्वपूण होता है. यदि शरीर में विटामिन, कैल्शियम और जिंक की पर्याप्त मात्रा हो तो एंटी आक्सीडेंट शरीर को मजबूती प्रदान करता है. किनोवा  अनाज शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक है.

150 से 200 रूपए किलो

धार जिले के प्रगतिशील किसान एसके गोस्वामी का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण किनोवा  की मांग बढ़ जाएगी. इस समय किनोवा  अनाज 150 से 200 रूपए किलो तक बिक रहा है. इस वजह से किसानों में इसकी खेती करने की ललक बढ़ी है. जहां पहले धार जिले में इसका रकबा 10 हेक्टेयर था वहीं अब 90 हेक्टेयर के आसपास हो गया है. वहीं डॉ.  किराड़ का कहना है कि क्षेत्र में किनोवा की कुछ नई किस्में लगाई गई जिसका अच्छा नतीजा मिला है. इससे लोगों में जागरूकता भी बढ़ रही है.

English Summary: Quinoa farming in dhar madhya pradesh Published on: 19 October 2020, 02:51 PM IST

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