1. Home
  2. खेती-बाड़ी

कश्मीरी सेबों की पहचान बनेगा पंजाब का होशियारपुर

देश का ताज और धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर को वहां उगने वाले केसर और सेब के लिए जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि कश्मीर जैसा सेब पूरे देश में कहीं पर भी पैदा नहीं होता है. लेकिन अब ऐसा नहीं है. पंजाब के होशियारपुर के किसान गुरमिंदर सिंह ने इस नामुमकिन काम को मुमकिन करके दिखाया है. दरअसल गुरमिंदर ने अपने गांव चोहल में एक नहीं बल्कि पांच एकड़ के करीब कश्मीरी सेब की पैदावार अन्य किसानों के लिए एक मिसाल कायम की है.

किशन
Apple Farming

देश का ताज और धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर को वहां उगने वाले केसर और सेब के लिए जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि कश्मीर जैसा सेब पूरे देश में कहीं पर भी पैदा नहीं होता है.  लेकिन अब ऐसा नहीं है. पंजाब के होशियारपुर के किसान गुरमिंदर सिंह ने इस नामुमकिन काम को मुमकिन करके दिखाया है. दरअसल गुरमिंदर ने अपने गांव चोहल में एक नहीं बल्कि पांच एकड़ के करीब कश्मीरी सेब की पैदावार अन्य किसानों के लिए एक मिसाल कायम की है.

Kashmiri Apple

ख्बाव जो कि हकीकत बना

अगर किसी भी काम को सच्ची लगन और मेहनत से किया जाए तो कोई भी लक्ष्य नामुमकिन नहीं होता है. इसीलिए पंजाब के होशियारपुर के किसान गुरमिंदर सिंह ने कभी कश्मीर की वादियों में जाकर एक ख्बाव देखा था कि बिल्कुल कश्मीर के सेब जैसी खेती उनके शहर होशियारपुर में भी हो पाएगी. इसके लिए उन्होंने तैयारी भी शुरू कर दी है और आखिरकार वह अपने सपने को पूरा करने में कामयाब भी हुए हैं .

होशियारपुर में लगाए सेब के बूटे

उन्होंने चार किस्म का  चयन किया जो 150 से 200 ठंडक तक पैदा हो सकती है. जबकि हिमाचल और कश्मीर में 1800 से 2200 गेंट ठंडक चाहिए. पंजाब के होशियारपुर में तापमान 150 से 200 के समान होता है. यहां पर उपज आसानी से पैदा की जा सकती है. इसके बाद गुरिंदर सिंह ने होशियारपुर में अपने फार्म में 450 बूटे लगा दिए है. उन्होंने अपनी पहली फसल 90 रूपये के हिसाब से बेची है. जबकि एक बूटे से 30 से 35 किलो सेब पैदा होता है. वह बीच में श्रीनगर गए थे जिसके बाद उन्होंने सेब की फसल को पैदा करने के बारे में सोचा और उन्होंने सेब की किस्म के बारे में पूरी जानकारी को हासिल किया है.

सरकार से नहीं मिली कोई सब्सिडी

गुरिंदर के मुताबिक कुन्निकी फसल से इस फसल में अधिक फायदा है. मेहनत अन्य फसल जैसी ही है लेकिन इसमें ज्यादा फायदा है. सिंह का कहना है कि सरकार ने इस पर कोई भी सब्सिडी को प्रदान नहीं किया है लेकिन उम्मीद है आने वाले समय में सरकार इस पर कोई निर्णय ले सकती है. केवल गुरिंदर सिंह ही नहीं इनसे प्रेरित होकर सेना में डयूटी कर रहे कर्नल आरपी सिंह भी अब इस कार्य से जुड़ चुके है. वह दो एकड़ में सेब की फसल पैदा कर रहे हैं. यह अपने आप में एक बेहतरीन शुरुआत है.

English Summary: Punjab will be an example of Kashmiri farming cultivation Published on: 19 June 2019, 10:32 AM IST

Like this article?

Hey! I am किशन. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News