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आलू की इन किस्मों की खेती से किसान ज्यादा कमा सकते हैं लाभ

आलू की फसल किसानों के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. सब्जी के रूप में इसका उपयोग लागभग सभी घरों में की जाती है इसलिए आलू कि सब्जियों का राजा भी कहा गया है. दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के लगभग सभी राज्यों में इसकी खेती की जाती है.

आदित्य शर्मा
Potati Sowing
Potati Sowing

आलू की फसल किसानों के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. सब्जी के रूप में इसका उपयोग लागभग सभी घरों में की जाती है इसलिए आलू कि सब्जियों का राजा भी कहा गया है. दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के लगभग सभी राज्यों में इसकी खेती की जाती है. 

आलू की खेती में लाभ पाने के लिए किसानों को उन्नत किस्मों की खेती की जानकारी होना आवश्यक है. साल दर साल आलू की बीज में बेहतर रिसर्च के बाद से उसमें कई प्रकार के बदलाव हो रहे हैं और बीज किसानों के लिए लाभकारी बनाने की कोशिश की जा रही है. कई किसान उन्नत क़िस्मों से आलू की खेती से लाभ भी ले चुके हैं. आलू की खेती में अधिक पैदावार लेने के लिए किसान उन्नत किस्मों का चुनाव कर सकते हैं जो आगे की जानकारी में बताई गयी है.

देश में आलू का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश है और यहां प्रति वर्ष लगभग 14,430.28 टन आलू का उत्पादन किया जाता है. आलू की फसल किसानों के लिए नकदी फसल है और इससे किसान कम समय में ज्यादा लाभ ले सकते हैं. किसान अगर आलू की खेती के लिए महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें तो उन्हें कई गुना ज्यादा लाभ मिल सकता है.

कुफरी अलंकार (Kufri Alankar)

आलू की यह किस्म लगभग 70 दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी उपज प्रति हेक्टेयर 200-250 क्विंटल होती है.

कुफरी आनंद (Kufri Anand)

आलू की यह किस्म लगभग 90 से 110 दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी उपज प्रति हेक्टेयर 250-300 क्विंटल होती है.

कुफरी अरुण (Kufri Arun)

इसमें आलू का रंग लाल पर होता है और यह 90 से 100 दिनों में तैयार हो जाती है औऱ इसकी उपज प्रति हेक्टेयर 300 क्विंटल होती है.

कुफरी बादशाह (Kufri Badshah)

आलू की यह किस्म तैयार होने में 100 से 130 दिनों का समय लगाती है औऱ इसकी उपज 250 से 275 क्विंटल प्रति एकड़ होती है.

कुफरी चिप्सोना (Kufri Chipsona)

आलू की यह किस्म सामान्य तौर पर 90 से 100 दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी प्रति हेक्टेयर उपज लगभग 350 क्विंटल से भी ज्यादा होती है.

कुफरी नीलकंठ (Kufri Neelkanth)

आलू की यह किस्म निले रंग पर होता है और यह 90 से 100 दिनों में तैयार हो जाता है औऱ इमें प्रति हेक्टेयर पैदावार 350 क्विंटल से भी ज्यादा है.

English Summary: Potato sowing will start in October, know the names of high yielding varieties of potato Published on: 22 September 2020, 06:04 PM IST

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