बरसात के मौसम में बारिश का पानी फसलों के लिए अत्यधिक लाभदायक होता है. लेकिन यही बारिश का पानी जब बेमौसम फसलों पर गिरे तो यह फसलों के लिए बहुत हानिकारक होता है. यह फसलों में कई तरह के रोग पैदा कर देता है.
जिससे फसल बर्बाद हो जाती है और किसानों को उनकी फसल से अच्छी उपज के साथ–साथ अच्छी गुणवत्ता भी प्राप्त नहीं होती. ऐसी ही एक खबर राजस्थान के चिड़ावा शहर से आई है. जहाँ किसानों ने इन दिनों अपने खेत में चने की बुवाई की हुई है. लेकिन वहाँ पर कई दिनों से छाए बादल और रुक-रुक कर हो रही बारिश फसल के लिए हानिकारक हो सकती है.
कृषि वैज्ञानिकों ने दी सलाह (Agri-Scientists gave advice)
इस वजह से जिले के कृषि विभाग वैज्ञनिकों ने किसानों को लट रोग के प्रति चेतावनी के साथ ही उन्हें जरुरी सलाह भी दी है.कृषि वैज्ञनिकों का कहना है कि इस बदलते मौसम की वजह से चने की फसल में लट रोग (Braid Disease ) लगने की अधिक सम्भावना है. यह बदलता मौसम चने की फसल (Gram Crop) के लिए अच्छा नहीं माना जा रहा है. इसकी वजह से चने की फसल में कई तरह के रोग का प्रकोप बढ़ सकता है. ऐसे में किसान रसायनिक दवा (Chemical Drug) का इस्तेमाल कर फसल को रोग के खतरे से बचाव कर सकते हैं.
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उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में ही अगर किसान फसलों में स्प्रे करते हैं 70 से 80 फीसदी तक लट प्रकोप से फसल को बचाया जा सकता है. मौसम में बदलाव की वजह से फसल में शुरुआती समय में फिडकली नामक लट का प्रकोप होता है. जो इस दवा स्प्रे के माध्यम से इस प्रकोप को रोका जा सकता है. अगर ये लट अगले स्टेज तक जा पहुंची तो फिर ये फसल को नष्ट कर देगी क्योंकि उस स्टेज पर कोई दवा फसल पर लगे कीट पर असर नहीं कर सकती.
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