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टमाटर की रोग प्रतिरोधी किस्म अर्का रक्षक के एक पौध से मिलेगा 19 किलो टमाटर, जानिए अन्य विशेषताएं

अगर किसान भाईयों से पूछा जाए कि वह टमाटर के एक पौधे से अधिकतम कितना उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं, तो उनका जवाब होगा कि अधिकतम 8 से 10 किलो तक उत्पादन. ऐसे में हम किसान भाईयों से कहें कि वह टमाटर (Tomato) के एक पौधे से लगभग 19 किलो तक उत्पादन ले सकते हैं, तो उनको शायद विश्वास नहीं होगा.

कंचन मौर्य
Araka Rakshak Variety
Araka Rakshak Variety

अगर किसान भाईयों से पूछा जाए कि वह टमाटर के एक पौधे से अधिकतम कितना उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं, तो उनका जवाब होगा कि अधिकतम 8 से 10 किलो तक उत्पादन. ऐसे में हम किसान भाईयों से कहें कि वह टमाटर (Tomato) के एक पौधे से लगभग 19 किलो तक उत्पादन ले सकते हैं, तो उनको शायद विश्वास नहीं होगा.

मगर यह सच साबित हो सकता है, क्योंकि भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Horticultural Research/IIHR) द्वारा टमाटर की एक ऐसी किस्म विकसित की गई है, जिसके एक पौधे से लगभग 19 किलो तक टमाटर का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है. आज हम किसान भाईयों को टमाटर की इस किस्म (Tomato Variety) की जानकारी देने जा रहे हैं, इसलिए वह हमसे इस लेख के जरिए अंत तक जुड़े रहें.

उससे पहले बता दें कि टमाटर भारत में उगाई जाने वाली महत्‍वपूर्ण सब्‍जी फसलों में एक है. इसकी खेती करने वाले प्रमुख राज्‍यों में आंध्र प्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक, मध्‍य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, और महाराष्‍ट्र शामिल हैं. ऐसे में इन राज्यों के किसानों के लिए टमाटर की यह किस्म बहुत लाभकारी साबित हो सकती है.  

टमाटर की नई किस्म (New Variety of Tomato)

टमाटर की इस नई उन्नतशील किस्म का नाम अर्का रक्षक (Arka Rakshak variety) है, जिसे डॉ. ए.टी. सदाशिव, टमाटर प्रजनक की अगुवाई में भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्‍थान, बेंगलुरू ने वर्ष 2010 में विकसित किया था. बता दें कि भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान अर्कावथी नदी के किनारे स्थित है, इसलिए टमाटर उत्पादन के रिकॉर्ड बनाने वाली टमाटर की इस नई किस्म को अर्का रक्षक (एफ) का नाम दिया गया है.

टमाटर की अर्का रक्षक किस्म की खेती (Cultivation of Arka Rakshak variety of tomato)

इस किस्म की खेती खरीफ और रबी सीजन में की जा सकती है. इसकी खेती (Tomato Cultivation) अलग-अलग प्रकार की मिट्टियों में कर सकते है. इसके लिए रेतीली दोमट से चिकनी काली कपासीय मृदा और लाल मृदा उचित रहती है, जिसमें जल निकास की व्यवस्था अच्छी हो.

कितने दिन में तैयार होती है फसल (In how many days the crop is ready)

खास बात यह है कि इस किस्म की फसल 140 से 150 दिनों में तैयार हो जाती है. इस किस्म का फल  75 से 80 ग्राम का होता है.

टमाटर की अर्का रक्षक किस्म से उत्पादन (Production from Arka Rakshak variety of tomato)

इस किस्म से प्रति एकड़ 40 से 50 टन पैदावार प्राप्त की जा सकती है. बता दें कि यह टमाटर की संकर किस्म है, जिसने अन्य पौधों में सबसे ज्यादा उपज 15 किलो तक का रिकार्ड दर्ज किया है. इतना ही नहीं, कर्नाटक में टमाटर का प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादन 35 टन हुआ, तो वहीं टमाटर की अर्का रक्षक किस्म (Arka Rakshak variety of tomato) का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 190 टन तक हुआ. बता दें कि अगर किसान भाई इस किस्म की बुवाई कर अच्छी तरह फसल की देखभाल करें, तो उन्हें फसल का लगभग 19 किलो तक उत्पादन प्राप्त हो सकता है.

रोग प्रतिरोधी भी है टमाटर की ये किस्म (This variety of tomato is also disease resistant)

वैज्ञानिकों की मानें, तो यह उच्च उपज देने वाली किस्म ही नहीं है, बल्कि टमाटर की एक रोग प्रतिरोधी किस्म है. यह टमाटर के पौधों में लगने वाले 3 प्रकार के रोग, पत्तियों में लगने वाले कर्ल वायरस, विल्ट जिवाणु और फसल के शुरुआती दिनों में लगने वाले विल्ट जिवाणु से लड़ने की क्षमता रखती है.

टमाटर की अर्का रक्षक किस्म की विशेषताएं (Characteristics of Arka Rakshak variety of tomato)

  • इस किस्म के फलों का रंग गहरा लाल होता है.

  • इसके फल गोल, बड़े और पूरी तरह से ठोस होते हैं, जिससे किसान इसकी उपज को दूर तक ले जा सकते हैं.

  • यह किस्म रोग प्रतिरोधी है.

  • खरीफ व रबी सीजन में बुवाई की जा सकती है.

  • आईआईएचआर, बेंगलुरू द्वारा संस्‍थान के स्‍थापना दिवस के अवसर पर अर्का रक्षक के लगातार प्रदर्शन के लिए ‘उत्‍कृष्‍ट टमाटर उत्‍पादक’ पुरस्‍कार मिला.

भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट से जानकारी मिली है कि कर्नाटक के चिकबल्लापुर जिले में चिकबल्लापुर तहसील के अंतर्गत देवास्‍थानदा होसाहल्‍ली गांव के किसान चंद्रप्पा के पास 20 एकड़ सिंचित भूमि है. इसमें उन्होंने अधिकतर टमाटर, आलू, शिमला मिर्च,  गाजर और अंगूर जैसी बागवानी फसलें उगाया है.  

उन्‍होंने हमेशा अपने खेतिहर जीवन में अभी तक टमाटर की फसल को उगाया है. मगर पत्ती मोड़क विषाणु, जीवाणुविक झुलसा और अगेती अंगमारी जैसे रोगों के निरंतर प्रकोप की वजह से साल 2010 के बाद टमाटर की खेती करना बंद कर दिया. इसके डॉ. ए.टी. सदाशिव, टमाटर प्रजनक, की अगुवाई में भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्‍थान, बेंगलुरू ने साल 2010 के दौरान भारत की पहली त्रिगुणित रोग प्रतिरोधी टमाटर की किस्म अर्का रक्षक विकसित की. इसके बाद चंद्रप्‍पा ने बड़ी हिचकिचाहट के साथ साल 2012 के दौरान अर्का रक्षक (Arka Rakshak variety of tomato) के 1000 पादपों को रोपित किया. वह इस किस्म से काफी प्रभावित हुए, क्‍योंकि इस किस्म से बाकी टमाटर के फलों से उन्‍हें उच्‍च मूल्‍य प्राप्‍त हुआ.

क्या कहते हैं कृषि विशेषज्ञ (What do agricultural experts say?)

कृषि जागरण ने टमाटर की अर्का रक्षक किस्म (Arka Rakshak variety of tomato) की अधिक जानकारी के लिए बिहार उद्यान निदेशालय में असिस्टेंट डायरेक्टर तृप्ति गुप्ता से बातचीत की. उन्होंने बताया कि टमाटर की इस किस्म का नाम अर्का रक्षक इसलिए रखा गया, क्योंकि यह किस्म त्रिगुणित रोग प्रतिरोधी किस्म है.

खासतौर पर इस किस्म की बुवाई कर्नाटक के किसान कर रहे हैं, क्योंकि इस किस्म को बेंगलुरू के भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान द्वारा ही विकसित किया गया है. तृप्ति गुप्ता से बिहार में टमाटर की अर्का रक्षक की खेती को लेकर सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि फिलहाल बिहार के किसान इस किस्म की बुवाई कम ही कर रहे हैं. अगर इसके उत्पादन की बात करें, तो किसान अच्छी देखभाल के साथ फसल का अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.

English Summary: one plant of arka rakshak, a disease resistant variety of tomato, will yield 19 kg tomatoes Published on: 25 August 2021, 05:24 PM IST

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