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कृषि में इन 5 आधुनिक तकनीक को अपनाकर कम लागत में होगा लाखों का मुनाफा

अगर आप खेती करते हैं तो ऐसे में आप कृषि में इन 5 आधुनिक तकनीकों को अपनाकर कम निवेश में अच्छा फायदा पा सकते हैं.

राशि श्रीवास्तव
कृषि में कमाल की हैं ये 5 आधुनिक तकनीक
कृषि में कमाल की हैं ये 5 आधुनिक तकनीक

बीते कुछ वर्षों में 'आधुनिक तकनीककिसानों के लिए सफलता का वरदान साबित हुई है. भारतीय किसानों ने खेती में आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर अपना नसीब बदला है. कृषि कार्य में उपयोगी आधुनिक विधियां यानि बेहतर बीजों का प्रयोगउचित सिंचाई व रासायनिक खादों के प्रयोग से पौधों को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों की आपूर्ति व कीटनाशकों के प्रयोग से पौधों को लगने वाली बीमारियों व कीटाणुओं का नियंत्रण करना.  

आधुनिक कृषि में ट्रैक्टरकम्बाइन हार्वेस्टर व सिंचाई के लिए ट्यूबवेलों द्वारा आधुनिक जोताई (खेती) की विधियों का प्रयोग होता आया हैलेकिन अब ड्रोन तकनीकहाइड्रोपॉनिक्सस्मार्ट डेयरी फार्मिंगबायो-फ्लॉक तकनीकनैनो यूरिया जैसे कई नई आधुनिक तकनीकों ने कृषि के क्षेत्र में क्रांति ला रखी है. इन नई टेक्नोलॉजी से जुड़कर किसान अब अधिक उत्पादन प्राप्त कर अच्छा पैसा कमा सकते हैं. आज इस लेख में हम उन तकनीकों के बारे में जानकारी देंगेजिन्हें अपनाकर किसान कम समय में अच्छा पैसा कमा सकते हैं.

स्मार्ट डेयरी फार्मिंग

ये डिजिटल सेंसर तकनीक है. यह तकनीक पशुओं के व्यवहार पर नजर रखती है. यानि स्मार्ट डेयरी फार्मिंग के जरिये किसान पशुओं की भूख-प्यास से लेकर सैर-सपाटे पर निकले पशुओं की लोकेशन भी जान सकते हैं. आधुनिक डेयरी फार्मिंग के तहत पशुपालन संबधी कामों को तकनीक और मशीनों से जोड़ दिया जाता हैजिससे पशुपालकों के समय और संसाधनों की बचत हो सके. स्मार्ट डेयरी फार्मिंग से दूध उत्पादन में कई गुना बढोत्तरी हो रही है. इसी के साथ किसानों और पशुपालकों को भी आत्मनिर्भर बनने में मदद मिल रही है.

हाइड्रोपॉनिक्स

बढ़ती आबादी और खेती की लिए कम पड़ती ज़मीन को देखते हुए हाइड्रोपोनिक्स तकनीक बहुत ही कारगार है. इस तकनीक में मिट्टी की जरूरत नहीं होती है. इस तकनीक का नाम है- हाइड्रोपोनिक्स विधि से खेतीजिसमें बिना खाद-मिट्टी के सिर्फ पानी के जरिये सब्जियों की फसल को बढ़ाया जाता है. इस तकनीक में मिट्टी के बगैरजलवायु को नियंत्रित करके खेती की जाती है. हाइड्रोपोनिक खेती में केवल पानी में या पानी के साथ बालू और कंकण में पौधे उगाए जाते हैं. उपजाऊ जमीन का सबसे बड़ा हल है ये तकनीक. इस तकनीक में प्लास्टिक के पाइप से चैंबर बनाया जाता है. इसको दूर बैठे कहीं से भी कंट्रोल किया जा सकता है. हाइड्रोपोनिक तकनीक से धनियाटमाटरपालकखीराकरेलागुलाबमिर्च इत्यादि सब्जियां उगाई जा सकती हैं.

ड्रोन तकनीक 

कृषि ड्रोन खेती के आधुनिक उपकरणों में से एक है. ड्रोन से बड़े क्षेत्रफल में महज कुछ मिनटों में कीटनाशकखाद या दवाओं का छिड़काव किया जा सकता है. यदि बड़े क्षेत्र में सिंचाई हो रही हैतो ड्रोन की मदद से निगरानी में मदद मिल सकती है. इससे न सिर्फ लागत में कमी आएगीबल्कि समय की बचत भी होगी. साथ ही सही समय पर खेतों में कीट प्रबंधन किया जा सकेगा. वैसेकृषि ड्रोन दूसरे ड्रोन जैसा ही है. इस छोटे यूएवी (मानव रहित विमान) को किसानों की जरूरतों के हिसाब से बदला जा सकता है. हालांकि अब कई ड्रोन विशेष रूप से कृषि उपयोग के लिए ही विकसित किए जा रहे हैं. सरकार ने देश में ही ड्रोन के विकास को बढ़ावा देने के लिए आयात पर भी रोक लगा दी है.

ये भी पढ़ें :किसानों को ड्रोन उपलब्ध करवाने की बनाई गई योजना, खेती में लागत आएगी कम, होगा दोगुना मुनाफा

बायो-फ्लॉक तकनीक 

बायोफ्लॉक तकनीक से किसान बिना तालाब की खुदाई किए एक टैंक में मछली पालन कर सकते हैं. इस तकनीक को अपनाने से कम पानी और कम खर्च में अधिक से अधिक मछली उत्पादन किया जा सकता है. यदि आप लाख रुपए की लागत के साथ भी अगर मछली पालन का व्यवसाय शुरू करें तो आप लगभग लाख रुपए तक का शुद्ध लाभ प्राप्त कर सकते हैं. 

नैनो यूरिया 

नैनो तकनीक आधारित क्रांतिकारी कृषि आदान हैजो पौधों को प्रदान करता है. मिट्टी और फसलों पर सफेद रंग के दानेदार यूरिया से नैनो यूरिया बचाव करता है. यह नाइट्रोजन और दूसरे पोषक तत्वों से भरपूर है. नैनो यूरिया को फसलों पर छिड़कने से फसल की पैदावार अच्छी होती है. इससे फसलों पर कोई बुरा प्रभाव भी नहीं पड़ता. यह फसलों को कीड़े और बीमारियों के खिलाफ सुरक्षा कवच है.

English Summary: Now the farmer will also become smart - by adopting these 5 modern techniques in agriculture, millions of profits will be made at a low cost Published on: 15 December 2022, 11:37 AM IST

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